अम्बाला 11, जनवरी- उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की बेटियों और दिव्यांगजन की शादी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना संचालित की जा रही है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और बेटियों के विवाह के लिए प्रोत्साहन देने का एक सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता प्रदान करना और बेटियों की शादी में आर्थिक चिंताओं को कम करना है। उन्होंने सभी पात्र परिवारों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और खुशहाल बनाएं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिसमें अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति / टपरीवास जाति के लाभार्थियों (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक हो) की बेटियों के विवाह पर 71,000/- अनुदान राशि प्रदान की जाती है और पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग के व्यक्तियों (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक हो) की बेटियों के विवाह पर 41,000/- अनुदान राशि दी जाती है।
उन्होंने कहा सभी वर्गों की विधवा, अनाथ, तलाकशुदा, बेसहारा महिलाओं और उनके बच्चों की बेटियों की शादी के लिए 51,000/- अनुदान राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ी महिलाओं (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक हो) की शादी के लिए भी 41,000/- की सहायता राशि दी जाती है। इसके साथ-साथ इस योजना के तहत यदि विवाह में दोनों वर-वधू दिव्यांग हैं, तो उन्हें 51,000/- अनुदान राशि दी जाएगी। अगर केवल एक वर या वधू दिव्यांग है, तो 41,000/- की अनुदान राशि दी जाएगी।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को अपनी बेटी के विवाह के बाद 6 माह के भीतर विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है। आवेदक shadi.edisha.gov.in पोर्टल पर जाकर विवाह पंजीकरण और मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुँचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।