शहरी निकाय विभाग द्वारा 25 नगर परिषदों और नगरपालिका समितियों की सीटों बारे ताजा नोटिफिकेशन प्रकाशित
हरियाणा परिवार पहचान कानून के अंतर्गत एकत्रित डेटा का प्रयोग नगर निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण हेतू करने पर सवाल — हेमंत
चंडीगढ़ – मंगलवार 24 दिसम्बर 2024 को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय गजट में प्रकाशित एक ताज़ा नोटिफिकेशन मार्फ़त अंबाला सदर (कैंट) नगर परिषद सहित प्रदेश की कुल 25 नगर परिषदों और नगर पालिका समितियों, जहाँ आगामी कुछ सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आम चुनाव करवाए जाने हैं, में कुल वार्डों को निर्धारित करने संबंधित ताजा नोटिफिकेशन प्रकाशित की गई है.
शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अंबाला सदर नगर परिषद के कुल 32 वार्डों में से 7 वार्ड अनुसूचित जाति ( एस.सी. ) जिसमें से 3 एस.सी.महिला, 3 वार्ड बी.सी.-ए जिसमें से एक 1 बीसी-ए महिला और 1 वार्ड बीसी-बी महिला एवं इन्हें मिलाकर कुल 11 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. यह वार्ड कौन कौन से हैं, इनका फैसला गत दिनों ड्रा लोट्स के जरिये किया गया.
इस संबंध में जानकारी देते हुए हेमंत ने आगे बताया कि उक्त नोटिफिकेशन शहरी निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव, विकास गुप्ता, आईएएस के हस्ताक्षर से जारी हुई है जिसमें उल्लेख है कि हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 के अंतर्गत स्थापित परिवार सूचना डाटा कोष से प्राप्त की गई जनसंख्या या संबंधित नगर निगम क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं के 140 प्रतिशत में से, जो भी अधिक हो, के अनुसार अंबाला सदर नगर परिषद की ताजा कुल जनसंख्या 2 लाख 46 हजार 61 है जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 40 हज़ार 992 जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या 17 हजार 274 दर्शाई गई है. वर्ष 2011 में हुई पिछले सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हिसार न.नि. की जनसंख्या 2 लाख 11 हजार 464 एवं एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 45 हजार 855 थी.
इस प्रकार गत 13 वर्षों अर्थात 2011 में हुई देश की जनगणना की अपेक्षा वर्तमान में हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 के अंतर्गत स्थापित परिवार सूचना डेटा कोष के पैमाने अनुसार अंबाला सदर नगर परिषद की जनसंख्या 35 हजार बढ़ गई है.
एडवोकेट हेमंत का कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243(पी) और हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 2(45) अनुसार नगर निकाय विषयों में किसी अमुक नगरीय क्षेत्र की जनसँख्या होती है देश की पिछली हुई जनगणना (सेन्सस) के प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर जनसँख्या. इसी के आधार पर नगर निकाय चुनावों में वार्डबंदी और विभिन्न वर्गों के लिए वार्डों और पदों पर आरक्षण तय हो सकता है. हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 वास्तव में प्रदेश वासियों को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न स्कीमों, सेवाओं, सब्सिडी और लाभ प्रदान करने लिए बनाया गया है एवं इसके अंतर्गत स्थापति परिवार सूचना डेटा कोष का प्रयोग
नगर निकाय चुनावों में केवल पिछड़ा वर्ग (ए) और पिछड़ा वर्ग (बी) को आरक्षण प्रदान करने के करना सर्वथा गलत है. इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
हेमंत ने यह भी बताया कि हमारे देश में कोई भी सार्वजनिक पद सामान्य वर्ग हेतु आरक्षित नहीं हो सकता बल्कि ऐसा पद ओपन / अनारक्षित होता है जिस पर न केवल सामान्य वर्ग का बल्कि किसी भी आरक्षित वर्ग का योग्य व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकता है. अम्बाला सदर नगर परिषद के कुल 32 वार्डों में से वह वार्ड जिन्हें एस.सी., एस.सी. महिला, बी.सी.-ए या बी.सी.-बी, महिला आदि के लिए आरक्षित नहीं किया गया था, वहां से न केवल सामान्य वर्ग के व्यक्ति बल्कि आरक्षित वर्गों के व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकते हैं.