कुरुक्षेत्र, 09 दिसम्बर। अंतरराष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के तट पर पुरूषोत्तमपुरा बाग में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व हरियाणा सरकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के सहयोग से संचालित हरियाणा पैवेलियन में कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में युवा विद्यार्थियों ने स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए हैं। हरियाणा पैवेलियन के माध्यम से युवा विद्यार्थियों स्वरोजगार की ओर अग्रसर होकर धन अर्जित कर रहे हैं। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने इन युवा विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वरोजगार एवं स्वावलम्बन आज के समय की मांग है क्योंकि विकसित भारत एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान में युवा पीढ़ी की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग एवं टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट विभाग के विद्यार्थियों द्वारा हरियाणा पैवेलियन में लगाए गए स्वादिष्ट व्यंजन की स्टाल में आने वाले पर्यटक खूब स्वाद चख रहे हैं। विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई चॉकलेट प्रतिदिन समय से पहले ही बिक जाती है। वहीं उनके द्वारा बनाए गए गोल-गप्पे, दही-बल्ले तथा आलू की टिक्की के पर्यटक मुरीद हो गए हैं।
स्टॉल लगाने वाले गृह विज्ञान विभाग की छात्रा एकता, मनीषा, नेहा, अंशुशिखा ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा की प्रेरणा से पिस्ता, चौलाई, खोया, बिस्कुट से बनी चॉकलेट बेच रही हैं जिसे लेकर खरीददारों में भारी उत्साह है। इसके साथ ही आईआईएचएस की छात्रा मुस्कान, मंदीप, शिवानी, प्रियंका ने बताया कि वे हर्बल चाय, बाजरे एवं रांगी से बनी चॉकलेट को बेच रही है तथा आने वाले पर्यटक भारी संख्या में खरीद रहे तथा दोपहर तक सारा सामान बिक जाता है।
केयू विद्यार्थियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयन्ती के माध्यम से उन्हें स्वरोजगार का नया अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पैवेलियन में पहले दिन से ही पर्यटकों की भारी भीड़ रही है जहां दूसरे राज्य के पर्यटकों सहित हरियाणा के ग्रामीण एवं शहरी लोग प्रतिदिन आकर स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद चख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे हमें हजारों रूपयों की सेल हो रही है तथा भविष्य में वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर इसे बडे़ स्तर पर शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, उपनिदेशक डॉ. सलोनी दीवान, धरोहर क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्या, डॉ. हरविन्द्र राणा सहित डॉ. सुशील टाया मौजूद रहे।
हरियाणा पैवेलियन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का संदेश दे रहा धरोहर का स्टाल
कुरुक्षेत्र, 09 दिसम्बर। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर जहां प्रत्येक व्यक्ति गीता के सार में मग्न है वहीं हरियाणा पैवेलियन में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को आगे बढ़ाते हुए बेटी के जन्मदिन पर छठी उत्सव मनाने का संदेश दिया जा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की प्रेरणा से इस बार हरियाणा पैवेलियन में खासतौर पर बेटियों को बचाने और बेटियों को पढ़ाने के लिए जहां स्टाल लगाया गया है वहीं हरियाणा की लोक संस्कृति, परिधान, लोक जीवन, रहन-सहन, रीति-रिवाज और राज्य की विकास यात्रा को दिखाया गया है। हरियाणा पैवेलियन में आने वाला प्रत्येक दर्शक बडे़ उत्साह के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी होने पर छठी मनाने पर चर्चा कर रहा है। चर्चा का विषय इसलिए बना हुआ है कि हरियाणा में अबतक लड़के के जन्म पर छठी उत्सव मनाया जाता था। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की प्रेरणा से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि जिस घर में भी लड़की का जन्म हो, तो वहां पर छठी उत्सव मनाया जाए। लड़की के पैदा होने पर उदास होने की बजाय उसे एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए क्योंकि वर्तमान दौर में लड़के व लड़की में कोई फर्क नहीं है। आज लड़कियां शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, विज्ञान, व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
धरोहर के क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्या ने बताया कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा की प्रेरणा से हरियाणा पैवेलियन में केयू धरोहर की तरफ से 4 स्टाल लगाए गए हैं जिसमें सबसे अहम स्टाल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, बेटी होने पर छठी मनाओ शामिल हैं। दूसरा स्टाल पर्यावरण संरक्षण से संबंधित है जिसमें किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा गया है कि हम आपको विश्वास दिलाते है, पराली न जलाने की कसम खाते हैं। तीसरा स्टाल हरियाणा के पहनावे, हरियाणा की शान से संबंधित है जहां पर बताया गया है कि धोती-कुर्त्ता, जुत्ती, मंडास्सा, लठ-सा गड्रया बाणे का, सोहणी सूरत उभरी छाती, मर्द मुछैल हरयाणे की शान है। चौथे स्टाल में हरियाणा के कृषि यंत्रों और घर में प्रयोग होने वाले प्राचीन सामान को रखा गया है। हरियाणा पैवेलियन में आने वाले सभी दर्शक एवं पर्यटक बडे़ उत्साह के साथ सभी चीजों को देख रहे हैं व उत्सुकता के साथ प्रश्न पूछ रहे हैं। सबसे ज्यादा लोगों में सेल्फी खिंचवाने को लेकर उत्साह है।
इस अवसर पर युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, उपनिदेशक डॉ. सलोनी दीवान, धरोहर क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्या, डॉ. हरविन्द्र राणा सहित डॉ. सुशील टाया मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र, 09 दिसम्बर। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर जहां प्रत्येक व्यक्ति गीता के सार में मग्न है वहीं हरियाणा पैवेलियन में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को आगे बढ़ाते हुए बेटी के जन्मदिन पर छठी उत्सव मनाने का संदेश दिया जा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की प्रेरणा से इस बार हरियाणा पैवेलियन में खासतौर पर बेटियों को बचाने और बेटियों को पढ़ाने के लिए जहां स्टाल लगाया गया है वहीं हरियाणा की लोक संस्कृति, परिधान, लोक जीवन, रहन-सहन, रीति-रिवाज और राज्य की विकास यात्रा को दिखाया गया है। हरियाणा पैवेलियन में आने वाला प्रत्येक दर्शक बडे़ उत्साह के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी होने पर छठी मनाने पर चर्चा कर रहा है। चर्चा का विषय इसलिए बना हुआ है कि हरियाणा में अबतक लड़के के जन्म पर छठी उत्सव मनाया जाता था। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की प्रेरणा से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि जिस घर में भी लड़की का जन्म हो, तो वहां पर छठी उत्सव मनाया जाए। लड़की के पैदा होने पर उदास होने की बजाय उसे एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए क्योंकि वर्तमान दौर में लड़के व लड़की में कोई फर्क नहीं है। आज लड़कियां शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, विज्ञान, व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
धरोहर के क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्या ने बताया कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा की प्रेरणा से हरियाणा पैवेलियन में केयू धरोहर की तरफ से 4 स्टाल लगाए गए हैं जिसमें सबसे अहम स्टाल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, बेटी होने पर छठी मनाओ शामिल हैं। दूसरा स्टाल पर्यावरण संरक्षण से संबंधित है जिसमें किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा गया है कि हम आपको विश्वास दिलाते है, पराली न जलाने की कसम खाते हैं। तीसरा स्टाल हरियाणा के पहनावे, हरियाणा की शान से संबंधित है जहां पर बताया गया है कि धोती-कुर्त्ता, जुत्ती, मंडास्सा, लठ-सा गड्रया बाणे का, सोहणी सूरत उभरी छाती, मर्द मुछैल हरयाणे की शान है। चौथे स्टाल में हरियाणा के कृषि यंत्रों और घर में प्रयोग होने वाले प्राचीन सामान को रखा गया है। हरियाणा पैवेलियन में आने वाले सभी दर्शक एवं पर्यटक बडे़ उत्साह के साथ सभी चीजों को देख रहे हैं व उत्सुकता के साथ प्रश्न पूछ रहे हैं। सबसे ज्यादा लोगों में सेल्फी खिंचवाने को लेकर उत्साह है।
इस अवसर पर युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, उपनिदेशक डॉ. सलोनी दीवान, धरोहर क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्या, डॉ. हरविन्द्र राणा सहित डॉ. सुशील टाया मौजूद रहे।