-एयर पॉल्यूशन के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन पटाखें ही दीपावली के पर्व पर चलाये-तहसीलदार अभिषेक पिलानिया।
– पटाखे/आतिशबाजी चलाने से धुंआ निकलता है जोकि अस्थमा जैसे रोगियों के लिए बेहद हानिकारक होता है, उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है-एसएमओं डॉ. प्रवीण कुमार।
नारायणगढ़/अम्बाला, 28 अक्तूबर। एसडीएम शाश्वत् सांगवान ने उपमण्ड़ल के लोगों को दिपावली पर्व की अग्रीम में शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व खुशीयों का पर्व है और इस पर्व पर लोग बेतहाशा पटाखे/आतिशबाजी चलाते है जिसे पर्यावरण प्रदूषित होता है और कई प्रकार की समस्याएं खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि दीपावली पर्व पर केवल ग्रीन पटाखे ही चलाये और पर्यावरण अनुकूल दीपावली का पर्व मनाये।
उन्होंने कहा कि दीपावली के शुभ अवसर पर वायु गुणवता के मध्यनजर केवल ग्रीन क्रेक्रर्स की बिक्री हेतू टैमप्रेरी लाईसैंस जारी किये जाएगें और दीपावली के शुभ अवसर पर एक्सपलासिव रूल 2006 के नियम 84 के तहत निषेद आदेश जारी किये जाते है कि जिस अनुसार कोई भी व्यक्ति निश्चित स्थान हुड्डा ग्राउंड नजदीक पीजी कालेज नारायणगढ के अतिरिक्त बिक्री नहीं कर सकता है। इस स्थान के अनुसार ही फुटकर लाइसैंस उपमण्डलाधीश नारायणगढ़ द्वारा जारी किये जाएगें।
तहसीलदार अभिषेक पिलानिया ने भी उपमण्डलवासियों को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सामान्य पटाखे चलाने से प्रदूषण होता है। एयर पॉल्यूशन के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रीन पटाखें ही दीपावली के पर्व पर चलाये।
उन्होंने कहा कि पटाखे/आतिशबाजी चलाने से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स/एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। इसलिए दीपावली के पर्व पर पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखे ही चलाए।
नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ के एसएमओं डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि पटाखे/आतिशबाजी चलाने से धुंआ निकलता है जोकि अस्थमा जैसे रोगियों के लिए बेहद हानिकारक होता है, उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती। पटाखे चलाने से निकलने वाली चिंगारी आंख में लगने से आंख की रोशनी जाने का डर रहता है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक आवाज करने वाले पटाखों/बम्ब से सुनने में दिक्कत आ सकती है और कान का पर्दा भी पट सकता है। कई लोग पटाखों की लम्बी-लम्बी लड़ीयों को चलाते है जिससे भी आग लगने का डर रहता है। उन्होने कहा कि जहां तक हो सके खुशीयों के इस पर्व को पटाखे रहित मनाये और पटाखे/आतिशबाजी चलाने से बचे। ग्रीन पटाखे चलाते समय भी सिंथैकटिक कपड़ों की बजाय कॉटन के स्मार्ट फीट कपड़े ही पहने, जिससे कि कपड़ों में आग लगने जैसी घटनाएं न हो।