प्रेरणा वृद्धाश्रम में अहोई अष्टमी पर बुजुर्ग माताओं ने रखा निर्जला व्रत
कुरुक्षेत्र, 24 अक्तूबर : यह कैसी आधुनिकता एवं विकास है कि अपनों द्वारा दुत्कारे एवं घरों से निकाले बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में सहारा लेना पड़ता है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को मानने वाले बुजुर्ग त्यौहारों के अवसर पर भी मुंह मोड़ने वाले अपने बच्चों से मोह तथा प्यार छोड़ नहीं पाते हैं। ऐसा ही नजारा एक बार फिर कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम में वीरवार को अहोई अष्टमी पर बुजुर्ग माताओं में देखने को मिला। प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि जिस मां ने खुद जिन्हें अपने हाथों से पाल पोस कर बड़ा किया। खुद गीले में सोई, लेकिन जिगर के टुकड़े को सूखे में सुलाया। वही मां अब जीवन के अंतिम पड़ाव पर आई तो अपने बच्चों के लिए ही पराई हो गई। डा. सिंगला ने बहुत ही मार्मिक शब्दों में कहा कि इन्हीं बच्चों के घर में मां के लिए भले ही जगह न रही हो, लेकिन ममता के सागर से भरी मां वृद्धाश्रम में भी उन्हीं बच्चों के लिए दिनभर प्यासी भी रही और भूख भी रही। प्रेरणा वृद्धाश्रम में अहोई अष्टमी पर बुजुर्ग माताओं ने बच्चों की लंबी आयु, कामयाबी के लिए व्रत रखा और दुआएं मांगी। डा. सिंगला ने कहा कि धर्मनगरी में अहोई अष्टमी का पर्व भले ही हर्षोल्लास से मनाया गया हो, लेकिन प्रेरणा वृद्धाश्रम के भीतर व्रत रखे माताओं की सिसकियां व दूरियां गवाही देती नजर आई। प्रेरणा वृद्धाश्रम की बुजुर्ग सीता देवी, बलविंदर कौर, क्षमा मल्होत्रा, उषा सच्चर, चरणजीत कौर, सरला, शकुंतला इत्यादि कहती हैं कि वे सभी माताएं हमेशा अपने बच्चों की उन्नति, अच्छे स्वास्थ्य एवं लम्बी उम्र की कामना करती हैं वह खुद वृद्धाश्रम में रहकर जीवनयापन कर रही हैं। वृद्धाश्रम की बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि घर की रार से अकेलापन भला है। बच्चों के लिए अहोई का व्रत रखा है। उसकी लंबी उम्र और कामयाबी की दुआएं मांगी हैं। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि उन्हें वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की सेवा कर के मन की शांति मिलती है। वे हर समय बुजुर्गों के स्वास्थ्य के साथ ही उनके भोजन व अन्य व्यवस्थाओं का भी पूरा ध्यान रखते हैं। उनका पूरा परिवार हर त्यौहार इन्हीं बुजुर्गों के साथ प्रेरणा वृद्धाश्रम में मनाता है। इस मौके पर प्रेरणा की अध्यक्षा रेणु खुंगर, आशा सिंगला, शिल्पा सिंगला, आराध्या, आश्वी सिंगला, पंकज मेहता, विजय अग्रवाल, नंदलाल, कश्मीरी लाल, चंद्रकांत डी. ठक्कर, जोगिंदर, बी. श्रीवास्तव व मंगत सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।