उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अम्बाला छावनी की तहसील व सरल केन्द्र का किया औचक निरीक्षण, अम्बाला शहर के बीज, खाद व दवाई विक्रेता के स्टॉक को किया चैक
अम्बाला 22, अक्तूबर- अम्बाला छावनी के तहसील कार्यालय का उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान रजिस्टरी कार्य को लम्बित रखने पर रजिस्टरी क्लर्क को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए हैं। इन आदेशों पर एसडीएम अम्बाला छावनी की तरफ से क्लर्क को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अहम पहलु यह है कि उपायुक्त ने अम्बाला छावनी के सरल केन्द्र का भी निरीक्षण किया और कर्मचारियों को सख्त आदेश दिए कि डयूटी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने मंगलवार को अम्बाला छावनी के एसडीएम कार्यालय के साथ-साथ तहसील और सरल केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने अम्बाला छावनी की तहसील का अवलोकन किया और दस्तावेजों की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि रजिस्टरी क्लर्क के पास एक रजिस्टरी 16 अक्तूबर को दर्ज हुई थी लेकिन इस रजिस्टरी की आगामी कार्रवाई लम्बित रखी गई थी। इस विषय को लेकर रजिस्टरी क्लर्क से पूछताछ की लेकिन जवाब संतोषजनक न होने के कारण उपायुक्त ने मौके पर ही एसडीएम को ही रजिस्टरी क्लर्क को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए। इन आदेशों पर एसडीएम सतिन्द्र सिवाच ने रजिस्टरी क्लर्क को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उपायुक्त ने तहसील कार्यालय को चैक करने के बाद सरल केन्द्र का निरीक्षण किया और यहां पर कार्य करवाने के लिए पहुंचे लोगों से बातचीत कर फीडबैक ली तथा हर सीट पर जाकर कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों को भी चैक किया। उन्होंने आदेश दिए कि सभी अधिकारी और कर्मचारियों को समय पर डयूटी पर आना है और समय पर ही डयूटी से जाना है। इस डयूटी के दौरान सभी अपनी-अपनी सीटों पर बैठकर लोगो की समस्याओं का समाधान करेंगे और जो भी कार्य होंगे उन कार्यों को तुरंत पूरा करेंगे। इस दौरान किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। अगर किसी की शिकायत मिली तो कार्रवाई करने में देरी नहीं की जाएगी। इस मौके पर एसडीएम सतिन्द्र सिवाच, नायब तहसीलदार सुनील कुमार सहित अन्य अधिकारीण मौजूद रहे।
उपायुक्त ने अम्बाला शहर के खाद, बीज व दवाई विक्रेता के स्टॉक रजिस्टर को किया चैक
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अम्बाला छावनी के तहसील सरल केन्द्र का निरीक्षण करने के उपरांत अम्बाला शहर अनाज मंडी में एक दवाई, बीज और खाद विक्रेता के प्रतिष्ठान पर छापा मारा। इस छापामारी के दौरान उपायुक्त ने दुकानदार के स्टॉक रजिस्टर को चैक किया और बीज, दवाई और खाद की गुणवत्ता को भी जांचा। उन्होंने आदेश दिए कि किसानों को सही दामों पर उच्च गुणवत्ता के बीज, खाद और दवाई उपलब्ध करवानी है। अगर किसी स्तर पर भी खामी पाई गई तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस दौरान उपायुक्त ने किसानों से बातचीत कर दुकानदार द्वारा की जा रही बिक्री के उत्पादों के बारे में फीडबैक ली। इस मौके पर डीडीए डा. जसविन्द्र सिंह, एसडीओ एग्रीकल्चर जगमोहन सिंह मौजूद थे।
फोटो नम्बर – 6 से 11
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नन्हेड़ा निवासी सिमरन सैनी 20 अक्तूबर से घर से हुई लापता
अम्बाला, 22 अक्तूबर। थाना नारायणगढ़ के अन्तर्गत गांव नन्हेड़ा निवासी सिमरन सैनी 20 अक्तूबर 2024 से घर से सरकारी गल्र्ज कालेज बडागढ के लिए गई थी लेकिन वापिस नहीं आई। इस विषय में पुलिस ने नियमानुसार मुकद्मा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई हैं। पुलिस प्रवक्ता ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 20 अक्तूबर से सिमरन सैनी घर से सरकारी गल्र्ज कालेज बडागढ के लिए गई थी लेकिन वापिस नहीं आई। इस लडकी का चेहरा लम्बूतरा है और कम 5 फुट हैं। इस लडकी की उम्र लगभग 19 वर्ष की है तथा इस लडकी ने हलके गदुलाबी रंग का सुट सलवार व पैरो में सैण्डल डाले हुए हैं। पुलिस द्वारा लडकी की काफी तालाश की लेकिन उसका अभी तक कुछ भी पता नहीं लग पाया हैं।
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पॉलीथिन बैगों के स्थान पर कपड़े, जूट या मोटे कागज के बैग का करे प्रयोग: एसडीएम अश्वनी मलिक
बराड़ा, 22 अक्तूबर- एसडीएम अश्वनी मलिक ने बताया कि दैनिक जीवन में पॉलिथीन का प्रयोग जितना सुविधा जनक लगता है, उसका परिणाम उतना ही घातक है क्योंकि प्रयोग किए गए पॉलीथिन को नष्ट करना गंभीर समस्या है। यह जलने में पूरी तरह सक्षम नहीं है व जलने पर पॉलिथीन पूरी तरह नष्ट नहीं होते। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। त्योहारों के देखते हुए उन्होंने सख्त निर्देश दिए है कि कोई भी दुकानदार पॉलिथीन का प्रयोग न करे अगर कोई भी दुकानदार पॉलिथीन का इस्तेमाल करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पॉलिथीन जहां जल निकासी में बाधक बनते हैं वहीं इससे मानव के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ-साथ पॉलिथीन बैग भूमि की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट करते हैं तथा फसल बिजाई के समय जो बीज खेतों में बिखरे इन पॉलिथीन की थैलियों के नीचे आ जाते हैं उनका जमाव बिल्कुल नहीं होता, जिससे किसान के फसल उत्पादन पर भारी प्रभाव पड़ता है। पॉलिथीन का अपशिष्ट किसी काम नहीं आता, न तो वह पूरी तरह नष्ट होता है और न ही उससे अन्य अपशिष्ट की तरह खाद तैयार हो सकती है। पॉलिथीन उपयोग का कोई लाभ नहीं बल्कि हानि ही हानि है।
उन्होंने बताया कि पॉलिथीन के बैग आम आदमी के लिए प्रयोग में इतने सुविधा जनक हैं कि उन्हें छोड़ पाना कठिन लगता है किन्तु पॉलीथिन बैगों के प्रयोग को छोडऩे के लिए इसके विकल्पों की और भी ध्यान देना जरूरी है क्योंकि पॉलिथीन का प्रयोग न केवल पर्यावरण के लिए अपितु मानव स्वास्थ्य के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। पॉलिथीन के छोटे-बड़े बैग नालियों एवं नालों में फंस कर पानी अवरुद्ध करते हैं, जिससे मक्खी, मच्छर व कीटाणु पैदा होने से अनेकों बीमारियां जन्म लेती हैं। अत: सभी लोगों को पॉलीथिन का प्रयोग पूर्णत: बंद कर देना चाहिए।
एसडीएम अश्वनी मलिक ने बताया कि लोगों को पॉलीथिन बैगों के स्थान पर कपड़े, जूट या मोटे कागज के बैग और कागज के लिफाफों का प्रयोग करना चाहिए। फल, सब्जियों, फूलों आदि को रखने के लिए बांस और पेड़ों की टहनियों से बनी टोकरियों का प्रयोग किया जाना चाहिए। यदि लोग यह संकल्प ले कि वे कभी पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करेंगे तो कुछ भी कठिन नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने आसपास वातावरण को साफ-सुथरा रखने, पर्यावरण को स्वास्थ्य वर्धक बनाने तथा गंदे पानी की सही जल निकासी के लिए पॉलिथीन के प्रयोग को पूरी तरह बंद करके प्रशासन को सफाई व्यवस्था बरकरार रखने में अपना पूर्ण सहयोग दें।