अम्बाला जिले की चार वि.स. सीटों पर अब कुल 8.88 लाख मतदाता — हेमंत
अम्बाला – अगले माह 5 अक्टूबर को 15वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के लिए निर्धारित मतदान में प्रदेश के 22 जिलों के कुल 90 विधानसभा हलकों में केवल एक-एक विधानसभा हलका ऐसा है जहाँ मतदाता संख्या पांच लाख एवं चार लाख से ऊपर है जबकि तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहाँ मतदाताओं की संख्या तीन-तीन लाख से ऊपर है.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने भारतीय चुनाव आयोग से विधानसभा हलकेवार मतदाता संख्या मार्फ़त जारी आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर बताया कि बीती 12 सितम्बर तक प्रदेश में सभी 90 विधानसभा हलकों में मतदाताओं की कुल संख्या 2 करोड़ 4 लाख 63 हजार 567 है जिसमें से जनरल मतदाताओ की संख्या 2 करोड़ 3 लाख 54 हजार 350 जबकि सर्विस मतदाताओं की संख्या 1 लाख 9 हजार 217 है. वही प्रदेश भर में 467 ट्रांसजेंडर मतदाता जबकि दिव्यांग मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 49 हज़ार 142 एवं ओवरसीज मतदाताओं की संख्या 794 है.
हेमंत ने बताया कि 6 मई, 2024 को अर्थात 18वी लोकसभा आम चुनाव से ठीक पहले हरियाणा प्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या 2 करोड़ 1 लाख 87 हजार 91 थी. इस कारण बीते चार माह में हरियाणा में 2.76 लाख मतदाता बढ़ गये हैं. वहीं इसी वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार 22 जनवरी 2024 को प्रकाशित आंकड़ों अनुसार हरियाणा में कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता थे अर्थात गत करीब आठ माह में हरियाणा में करीब 6.29 लाख मतदाता बढ़ गये हैं.
गुडगाँव जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से प्रदेश सबसे बड़ी है जहाँ मतदाताओ की संख्या 5 लाख 21 हज़ार 798 है जबकि गुडगाँव विधानसभा हलके में 4 लाख 43 हज़ार 593 मतदाता है. फरीदाबाद की तिगाओं में 3 लाख 74 हज़ार 745 मतदाता, बड़कल में 3 लाख 32 हज़ार 243 जबकि फरीदाबाद एन.आई.टी. में 3 लाख 21 हज़ार 461 मतदाता हैं.
महेंद्रगढ़ ज़िले के नारनौल विधानसभा सीट में प्रदेश में सबसे कम अर्थात 1 लाख 58 हज़ार 673 मतदाता हैं जो प्रदेश के सबसे बड़े बादशाहपुर वि.स. हलके के एक तिहाई से भी कम बनते हैं.
बहरहाल, जहाँ तक अम्बाला जिले में मौजूदा चार विधानसभा हलको का विषय है, तो ताज़ा जारी आंकड़ों अनुसार अर्थात गत 12 सितम्बर तक अम्बाला ज़िले में सबसे अधिक मतदाता संख्या अम्बाला शहर विधानसभा हलके में 2 लाख 62 हजार 847 है जो संख्या चार माह पूर्व अर्थात 18वी लोकसभा आम चुनाव में 2 लाख 57 हजार 33 थी. इस प्रकार बीते चार माह में अंबाला शहर विधानसभा हलके में 5 हजार 814 मतदाता बढ़ गए हैं बहरहाल, वर्तमान में अंबाला शहर हलके में 648 सर्विस मतदाता, 20 ट्रांसजेंडर (किन्नर ), 25 ओवरसीज (एनआरआई) और 1831 दिव्यांग मतदाता है. जिले में 271 मतदान केंद्र हैं.
उन्होंने आगे बताया कि इसी प्रकार ताज़ा आंकड़ों अनुसार अम्बाला कैंट विधानसभा सीट पर मतदाताओ की संख्या 2 लाख 7 हजार 146 है जो संख्या चार माह पूर्व 2 लाख 2 हज़ार 445 थी. इस प्रकार बीते चार माह में कैंट में 4 हज़ार 701 मतदाता बढ़े हैं. अंबाला कैंट हलके में आज की तारीख में 875 सर्विस मतदाता, 11 ट्रांसजेंडर,19 ओवरसीज जबकि 1321 दिव्यांग मतदाता है. कैंट हलके में 214 मतदान केंद्र हैं.
वहीं जिले के नारायणगढ़ वि.स. हलके में ताज़ा आंकड़ों अनुसार
1 लाख 93 हजार 176 मतदाता हैं जो संख्या चार माह पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान 1 लाख 92 हजार 168 थी. इस प्रकार गत चार माह में यहाँ 1 हजार 8 मतदाता बढ़े हैं. प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मूलत: नारायणगढ़ वि.स. हलके के मिर्ज़ापुर गांव से हैं. नारायणगढ़ हलके में मौजूदा तौर पर 1222 सर्विस मतदाता, 9 ट्रांसजेंडर, 4 ओवरसीज एवं 1167 दिव्यांग मतदाता है. नारायणगढ़ में 219 मतदान केंद्र हैं.
वहीँ मुलाना (अनुसूचित जाति आरक्षित ) वि.स. सीट में ताज़ा आंकड़ों अनुसार 2 लाख 25 हज़ार 332 मतदाता हैं जो संख्या गत लोकसभा आम चुनाव में 2 लाख 24 हज़ार 932 थी जिस कारण गत चार माह में चार सौ मतदाता बढे हैं. वर्तमान में मुलाना हलके मे 1214 सर्विस मतदाता, 3 ट्रांसजेंडर, 4 ओवरसीज जबकि 1965 दिव्यांग मतदाता है. मुलाना में 264 मतदान केंद्र हैं.
हेमंत ने बताया कि इस प्रकार अम्बाला ज़िले के चारो विधानसभा हलकों में वर्तमान तौर पर अब 8 लाख 88 हजार 501 मतदाता हैं जो संख्या चार माह पूर्व लोकसभा आम चुनाव दौरान
8 लाख 76 हजार 578 मतदाता थी. इस प्रकार जिले में मतदाताओं की संख्या पिछले चार माह में 11 हजार 923 बढ़ गई है.
एडवोकेट हेमंत ने यह भी बताया कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के अंतर्गत किसी प्रदेश में चुनावो की अधिसूचना जारी होने के उपरान्त उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है जो एक सप्ताह तक चलती है. इसी प्रक्रिया में अंतिम दिन जिस प्रकार दोपहर तीन बजे तक उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल किये जा सकते हैं, इसी प्रकार उसी तिथि तक मतदाता सूचियों में भी नए नाम डाले जा सकते है. ऐसा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 (3 ) के अनुसार किया जाता है. उन्होंने इस सम्बन्ध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के जुलाई, 1977 के एक निर्णय- नरेंद्र माड़ीवालापा खेनी बनाम माणिकराव पाटिल का हवाला भी दिया जिसमें कोर्ट द्वारा इस कानूनी व्यवस्था को दोहराया गया था हालाकि हेमंत को आर.टी.आई. मार्फ़त जानकारी प्राप्त हुई कि भारतीय चुनाव आयोग के वर्ष 2009 में जारी निर्देशानुसार सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रशासनिक कारणों की वजह से उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल तिथि की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक ही नये मतदाताओ को अपने को रजिस्टर करने का अवसर प्रदान करते है. इस प्रकार हरियाणा में उक्त मतदाताओ का कुल आंकड़ा वास्तव में 2 सितम्बर 2024 तक का है हालांकि उसे 12 सितम्बर 2024 तक अर्थात उम्मीदवारों द्वारा नामांकन करने की अंतिम दिन तक दर्शाया गया है.