लंदन: ब्रिटेन में हुए आम चुनाव के नतीजे आज आ गए और लेबर पार्टी की आंधी में कंजर्वेटिव पार्टी उड़ गई है। कीर स्टार्मर ने 14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी करवाई है और अब वह ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपना चुनाव जीत गए हैं, पर पार्टी को जिताने में वह असफल रहे। उन्होंने कीर स्टार्मर को बधाई दी और कंजर्वेटिव की हार की जिम्मेदारी ली है। सुनक ने नॉर्दन इंग्लैंड सीट से जीत बरकरार रखी है। सुनक ब्रिटेन के पहले एशियन प्राइम मिनिस्टर हैं। वह बोरिस जॉन्सन सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऋषि सुनक का धन्यवाद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के आम चुनावों में जीत के लिए बधाई दी है। उन्होंने ऋषि सुनक को धन्यवाद देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ब्रिटेन में आपके सराहनीय नेतृत्व और अपने कार्यकाल के दौरान भारत-ब्रिटेन के बीच संबंधों को गहरा करने में आपके सक्रिय योगदान के लिए ऋषि सुनक को धन्यवाद। आपको और आपके परिवार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
कुल 650 सीटें, भारतीय मूल के कई कैंडिडेट्स ने लहराया परचम
बता दें कि ब्रिटेन में हाउस आफ कॉमन्स की कुल 650 सीटें हैं और इस बार 107 भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से कई ने अंग्रेजों की धरती पर जीत दर्ज कर धमाल मचा दिया है। आम चुनाव के लिए ब्रिटेन में 4 जुलाई को मतदान हुआ था। ब्रिटेन के आम चुनाव में जो मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चा में रहे, उनमें अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, अवैध प्रवासी मुद्दा, आवास, पर्यावरण, अपराध, शिक्षा, टैक्स के साथ ही ब्रेग्जिट भी प्रमुख मुद्दा रहा।
जीत के लिए कीर स्टार्मर को हार्दिक बधाई : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के आम चुनावों में जीत के लिए बधाई देते हुए लिखा, ब्रिटेन के आम चुनाव में उल्लेखनीय जीत के लिए कीर स्टार्मर को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। उन्होंने कहा, मैं सभी क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, आपसी विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हमारे सकारात्मक और रचनात्मक सहयोग की आशा करता हूं।
लेबर पार्टी ने भारत को दिया था आजादी देने का वादा
दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब ब्रिटेन में 1945 में आम चुनाव हुए तो ब्रिटिश मतदाताओं के पास युद्ध से थके अपने देश के भविष्य को आकार देने का मौका था। दो मुख्य राजनीतिक दल थे कंजर्वेटिव पार्टी और लेबर पार्टी। कंजर्वेटिव पार्टी ने दूसरे विश्व युद्ध में देश को विजयी बनाने में भूमिका अदा की थी, लेकिन इसका खामियाजा देश ने संसाधनों के तौर पर खोखला होकर चुकाया था।
वहीं लेबर पार्टी महत्वाकांक्षी सामाजिक सुधार कार्यक्रम पेश कर रही थी। तब तक भारत ब्रिटिश साम्राज्य के लिए रत्न था। जिसका उल्लेख दोनों पार्टियों के घोषणापत्रों में किया गया। कंजर्वेटिव ने कहा, भारतीय सेना की वीरता के बाद उन्हें डोमिनियन स्टेटस हासिल करने की योजना को अनदेखा नहीं करना चाहिए। तो लेबर पार्टी ने ब्रिटिश लोगों से कहा कि उसका उद्देश्य, भारत को जिम्मेदार स्वशासन की ओर बढ़ाना है।. वह अब भारत को स्वशासन का मौका देंगे।