1984, 1989 और 1991 लोकसभा आम चुनाव में लगातार  3 बार हुए थे  निर्वाचित
बेशक भाजपा के रतन लाल कटारिया  कुल तीन बार बने सांसद  परन्तु निरंतर 3 जीत से रहे वंचित
चंडीगढ़ —  अंबाला सहित हरियाणा में लोकसभा की सभी 10  सीटों और करनाल विधानसभा सीट के उपचुनाव‌ हेतु सोमवार 29 अप्रैल को निर्वाचन संबंधी दो अलग अलग नोटिफिकेशन्स जारी की जायेगी   एवं  सभी 10 लोकसभा  सीटों एवं रिक्त करनाल विधानसभा सीट हेतू 6 मई तक  इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा  नामांकन भरे जा सकेंगे जिनकी जांच 7 मई को होगी जबकि 9  मई तक नाम वापिस लिए जा सकेंगे. 23 मई शाम तक चुनाव प्रचार, 25 मई  को मतदान एवं 4 जून को मतगणना होगी.
अम्बाला संसदीय ( अनुसूचित जाति — एससी आरक्षित) सीट से कुल तीन बार और पिछले  दो‌ आम चुनावों ( 2014 एवं 2019)  में  लगातार दो‌ बार भाजपा के  टिकट पर निर्वाचित  सांसद  रतन लाल कटारिया, जिनका  गत वर्ष 18 मई  2023 को  निधन हो गया था, के  कारण रिक्त हुई अंबाला लोकसभा सीट पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा हालांकि बीते वर्ष  अंबाला लोस सीट रिक्त होने के 6 माह के भीतर अर्थात  नवंबर, 2023  तक
उपचुनाव नहीं  कराया गया जो हालांकि कानूनन आवश्यक था चूँकि निधन के दिन कटारिया के सांसद के तौर पर कार्यकाल की एक वर्ष से ऊपर की समयावधि लंबित थी. बहरहाल, उपचुनाव न होने के कारण गत  एक वर्ष से अम्बाला लोकसभा  सीट रिक्त है.
इसी बीच शहर के सेक्टर 7 निवासी   हाईकोर्ट के एडवोकेट  हेमंत कुमार (9416887788)  ने बताया कि जहाँ तक स्थानीय  अम्बाला लोकसभा सीट (हलके) का विषय  है, यह सीट वर्ष 1962 से अनुसूचित जाति (एससी.) के लिए आरक्षित है. इस प्रकार इस सीट पर केवल एस.सी. वर्ग का योग्य व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकता है.
 अम्बाला (आरक्षित) संसदीय सीट  में मतदाताओं की संख्या मौजूदा तौर पर  19 लाख 78 हजार 278  है.   मई, 2019 में जब पिछले लोकसभा  आम चुनाव हुए थे, तब अम्बाला लोकसभा सीट पर 18 लाख 53 हज़ार थे. इस प्रकार गत पांच वर्षो में यह संख्या  सवा लाख बढ़ी है.
ज्ञात रहे कि अम्बाला  लोकसभा सीट में कुल नौ विधानसभा हलके पड़ते  है जिसमे अम्बाला ज़िले के चार- अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, मुलाना (आरक्षित ) और नारायणगढ़,  पंचकूला जिले के कालका और पंचकूला  और यमुनानगर जिले के चार में से तीन — साढौरा (आरक्षित , जगाधरी और यमुनानगर विधानसभा हलके शामिल हैं जबकि ज़िले का चौथा रादौर हलका कुरुक्षेत्र लोकसभा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है.
बहरहाल, हेमंत ने  बताया कि वर्ष 1962 लोकसभा चुनावों से अम्बाला लोकसभा सीट, जो उस समय संयुक्त पंजाब में थी, को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था, जो अब तक चल रही है. सबसे पहले वर्ष 1952  लोकसभा चुनाव में अम्बाला लोकसभा सीट से कांग्रेस के टेक चंद सांसद बने थे‌ जबकि वर्ष 1957 में‌ इस सीट से दो सांसद निर्वाचित हुए जिनमें  कांग्रेस की सुभद्रा जोशी और चूनी लाल थे.
वर्ष 1962 में कांग्रेस  के चूनी लाल निर्वाचित ‌‌‌‌ हुए. कांग्रेस के राम प्रकाश और जनसंघ/ भाजपा से  सूरज भान 4-4  बार, कांग्रेस की कुमारी सैलजा 2 बार एवं  निधन के समय  दिवंगत भाजपा सांसद रतन लाल कटारिया का तीसरा कार्यकाल था हालांकि वह लगातार तीन चुनाव नहीं जीत पाए. कटारिया   सबसे पहले अक्टूबर, 1999 में अम्बाला लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे. उसके बाद  वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में कटारिया निरंतर दो चुनाव कांग्रेस की कुमारी सैलजा से हार गये थे. 1998 लोकसभा चुनावों में  बसपा के अमन कुमार नागरा सांसद बने थे.
हेमंत ने बताया कि अम्बाला लोकसभा सीट  पर जीत की हैट्रिक का रिकार्ड‌  आज तक  कांग्रेस के राम प्रकाश‌ के नाम है, जो‌‌‌ वर्ष 1984, 1989 और 1991  में लगातार‌ 3 चुनावों‌ में निर्वाचित‌‌ होकर लोकसभा पहुंचे थे. इससे पूर्व  वर्ष 1971  चुनाव में भी  राम प्रकाश रिकॉर्ड  70 प्रतिशत वोट प्राप्त कर  अंबाला लोकसभा सीट से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे. सूरज भान वर्ष 1967, 1977, 1980 और 1996 में पहले जनसंघ, फिर जनता पार्टी और अंततः भाजपा से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए थे.

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