भाजपा के 45 वें स्थापना दिवस पर विशेष
अम्बाला लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा के लिए जीत की हैट्रिक लगाने का अवसर — हेमंत
अम्बाला शहर – 6 अप्रैल 2024 विश्व के मौजूदा सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 45 वां स्थापना दिवस है. 44 वर्ष पूर्व 1980 में इसी दिन तत्कालीन जनता पार्टी के विघटन के बाद उसमें शामिल एक प्रमुख घटक जनसंघ के अलग होने से भाजपा की स्थापना हुई थी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे. सनद रहे कि भारतीय जनसंघ की स्थापना वर्ष 1951 में श्यामा प्रसाद मुख़र्जी द्वारा की गई थी. बहरहाल, शहर के निवासी हाईकोर्ट के एडवोकेट एवं राजनीतिक विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने भाजपा के आज 45 वें स्थापना दिवस पर बताया कि जहाँ तक अंबाला शहर विधानसभा हलके का विषय है, तो शहर हलका परम्परागत तौर पर पहले भारतीय जनसंघ और फिर भाजपा का गढ़ रहा है एवं आज तक यहाँ हुए कुल 13 विधानसभा आम चुनावों में से 8 बार जनसंघ- भाजपा के उम्मीदवार जबकि 5 बार कांग्रेसी प्रत्याशी विजयी रहे हैं.
आज तक शहर हलके से पहले जनसंघ और फिर भाजपा के मास्टर शिव प्रसाद लगातार तीन बार- वर्ष 1977, 1982 और 1987 में निर्वाचित होकर अर्थात जीत की हैट्रिक लगा चुके है एवं आजतक सबसे अधिक रिकॉर्ड 76 प्रतिशत वोट हासिल करने का रिकॉर्ड भी शिव प्रसाद के नाम है.
कांग्रेस की लेखवती जैन लगातार दो बार वर्ष 1968 और 1972 में , कांग्रेस के टिकट पर विनोद शर्मा (वर्तमान में हजपा-वी सुप्रीमो) दो बार वर्ष 2005 और 2009 में, भाजपा से असीम गोयल नन्योला लगातार दो बार वर्ष 2014 और 2019 में, भाजपा से तीन नामत: एडवोकेट फकीर चंद अग्रवाल वर्ष 1967 में, हेडमास्टर फ़क़ीर चंद वर्ष 1996 में और वीना छिब्बर वर्ष 2000 में एक- एक बार और इसी प्रकार कांग्रेस से सुमेर चंद भट्ट भी एक बार वर्ष 1991 में विधायक बने हैं.
ज्ञात रहे कि सवा तीन वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2020 में स्थानीय अम्बाला नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में, जो एक प्रकार से शहर के विधायक चुनने जैसा ही चुनाव था क्योंकि उसमें शहर हलके के अंतर्गत पड़ने वाले नगर निगम क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा मतदान (वोट) डालकर सीधे मेयर का प्रत्यक्ष( सीधा) निर्वाचन किया गया, में हजपा (वी ) की उम्मीदवार शक्ति रानी शर्मा ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी की प्रत्याशी डॉ. वंदना शर्मा को 8084 वोटों के अंतर से पराजित किया था. रोचक बात यह है कि अक्टूबर, 2009 हरियाणा विधानसभा चुनावों में डॉ. वंदना के पति डॉ. संजय शर्मा को मेयर शक्ति रानी के पति विनोद शर्मा ने अम्बाला शहर विधानसभा हलके के चुनाव में बुरी तरह पराजित किया था एवं डॉ. संजय 10 प्रतिशत से भी कम वोट प्राप्त कर सके थे. इसी प्रकार फरवरी, 2005 विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी दिवंगत वीना छिब्बर की भी शहर हलके में विनोद शर्मा के हाथों बुरी हार हुई थी एवं वह केवल 12 % वोट हासिल कर पायी थी. छिब्बर की पुत्रवधू अर्चना छिब्बर वर्तमान में नगर निगम की वार्ड 6 से भाजपा की नगर निगम सदस्य है.हेमंत ने बताया कि अक्टूबर, 2019 में मौजूदा 14 वीं हरियाणा विधानसभा के आम चुनावो में अम्बाला शहर विधानसभा हलके से भाजपा से निर्वाचित एवं मोजूदा विधायक असीम गोयल नन्यौला ने 42.2 % वोट हासिल कर लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए थे एवं उन्होंने निर्दलयी उम्मीदवार निर्मल सिंह मोहड़ा को करीब 9 हज़ार वोटो के अंतर से हराया था. गत माह 19 मार्च को असीम को प्रदेश की नव-गठित नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में परिवहन और महिला एवं बाल विकास विभाग का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. शहर से भाजपा विधायक को पहली बार हरियाणा मंत्रिपरिषद में स्थान प्राप्त हुआ है.
हेमंत ने बताया की जहाँ तक अम्बाला (अनुसूचित जाति आरक्षित) लोकसभा सीट का विषय है, तो आज तक हुए कुल 17 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 7 बार जीत दर्ज की है जिसमें चार बार सूरज भान ( 1967, 1977, 1980 और 1996) एवं तीन बार रतन लाल कटारिया ( 1999, 2014 और 2019) निर्वाचित हुए. हालांकि दोनों बार कोई भी जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाया. कांग्रेस के आज तक नौ बार अम्बाला लोकसभा सीट जीती है एवं एक बार यहाँ से बसपा उम्मीदवार जीता. बहरहाल, चूँकि अगले माह होने वाले 18वी लोकसभा आम चुनाव में दिवंगत कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया, जो भाजपा की प्रत्याशी है, अगर वह जीतती तो अम्बाला लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत की पहली बार हैट्रिक होगी.
हेमंत ने बताया की जहाँ तक अम्बाला (अनुसूचित जाति आरक्षित) लोकसभा सीट का विषय है, तो आज तक हुए कुल 17 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 7 बार जीत दर्ज की है जिसमें चार बार सूरज भान ( 1967, 1977, 1980 और 1996) एवं तीन बार रतन लाल कटारिया ( 1999, 2014 और 2019) निर्वाचित हुए. हालांकि दोनों बार कोई भी जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाया. कांग्रेस के आज तक नौ बार अम्बाला लोकसभा सीट जीती है एवं एक बार यहाँ से बसपा उम्मीदवार जीता. बहरहाल, चूँकि अगले माह होने वाले 18वी लोकसभा आम चुनाव में दिवंगत कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया, जो भाजपा की प्रत्याशी है, अगर वह जीतती तो अम्बाला लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत की पहली बार हैट्रिक होगी.