हजपा(वी) का मॉडल टाउन में जबकि एच.डी.एफ. का मथुरा नगरी में
अंबाला शहर –
हाल ही में भारतीय चुनाव आयोग द्वारा देश के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों और रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के सम्बन्ध में एक ताज़ा नोटिफिकेशन भारत सरकार के गजट में प्रकाशित की गई है.
शहर के सैक्टर 7 निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788).ने उपरोक्त नोटिफिकेशन का अध्ययन करने के बाद बताया कि इस समय देश में कुल 6 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल और 60 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल हैं जबकि जहाँ तक रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का विषय है,तो उनकी मौजूदा संख्या 2764 है.
राष्ट्रीय दलों में भाजपा (बीजेपी), कांग्रेस (आईएनसी), बसपा (बीएसपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आम आदमी पार्टी (आप) शामिल हैं. जहां तक क्षेत्रीय दलों का विषय है, तो हरियाणा में इनेलो और जजपा दोनों मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल हैं. एवं उन दोनों के लिए क्रमश: चश्मा और चाबी आरक्षित चुनाव-चिन्ह हैं.
हेमंत ने बताया कि जहाँ तक रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का विषय है, तो इस बार आयोग द्वारा 2764 रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची के साथ अलग से 282 रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का नाम भी शामिल हैं जिन्हें उक्त सूची से हटा दिया गया है
इसमें क्रमांक 276 पर अम्बाला कैंट से विधायक और प्रदेश सरकार के पूर्व स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज के निवास स्थान अर्थात 62 ए, शास्त्री कॉलोनी के पते पर रजिस्टर्ड विकास परिषद का नाम भी शामिल है. अक्टूबर,2007 में विज जब भाजपा से बाहर थे, तब उन्होंने विकास परिषद के नाम से अपना अलग राजनीतिक दल चुनाव आयोग से रजिस्टर करवाया था. हालांकि उन्होंने कभी विकास परिषद से कोई चुनाव नहीं लड़ा. 2009 हरियाणा विधानसभा आम चुनाव से पहले विज भाजपा में वापिस आ गए थे और उसके बाद लगातार 3 बार कैंट से भाजपा के टिकट पर विधायक बने.
उक्त नोटिफिकेशन में आयोग द्वारा 218 ऐसे दलों के नाम भी शामिल है जिन्हें उक्त श्रेणी अर्थात रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से निष्क्रिय घोषित कर दिया गया गया है.
बहरहाल, जहाँ तक अम्बाला का विषय है, तो मौजूदा तौर पर जिले में में कुल 4 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के मुख्यालय पंजीकृत हैं जिनमें सर्वप्रथम क्रमांक 962 पर हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (एच.डी.एफ.) का नाम हैं जिसका मुख्यालय 549 , मथुरा नगरी, अम्बाला शहर दर्शाया जा रहा है.
सनद रहे कि अक्तूबर, 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट न मिलने पर
नवंबर 2019 में हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री चौधरी
निर्मल सिंह और उनकी सुपुत्री चित्रा सरवारा द्वारा हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट ( एच.डी.एफ.) बनाया गया जिसे उसके एक वर्ष बाद नवंबर, 2020 में चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत अमान्यता प्राप्त
राजनीतिक दल के तौर पर रजिस्टर किया गया.
हालांकि आज से दो वर्ष पूर्व अप्रैल, 2022 में जब निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा आम आदमी पार्टी ( आप) में शामिल हुए, तो ऐसी खबरें आई थी कि उन दोनों के साथ साथ एच.डी.एफ. का आप पार्टी में विलय कर दिया गया हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं हुआ. बहरहाल, इसी वर्ष जनवरी, 2024 में निर्मल और चित्रा दोनों फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं हालांकि रोचक बात यह है कि इन दोनों द्वारा बनाया गया
हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट ( एचडीएफ) आज भी चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में पंजीकृत अमान्यता प्राप्त
राजनीतिक दल के रूप में मौजूद है.
इसी प्रकार अम्बाला शहर से दो बार विधायक रह चुके और प्रदेश सरकार और केंद्र के पूर्व मंत्री रहे विनोद शर्मा और मौजूदा अम्बाला नगर निगम मेयर शक्ति रानी शर्मा द्वारा करीब 10 वर्ष पूर्व 2014 में बनायीं गई हरियाणा जन चेतना पार्टी- हजपा (वी ) का नाम उक्त दलों की सूची में क्रमाक 966 पर है जिसका मुख्यालय 118 ए , सर्कुलर रोड, मॉडल टाउन, अम्बाला शहर दर्शाया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त क्रमांक 1797 पर अम्बाला कैंट के अंतर्गत पड़ने वाले गांव एवं डाकखाना बिहटा में पथिक स्वराज पार्टी रजिस्टर्ड है और ज़िले के नारायणगढ़ उपमंडल के शहजादपुर में राष्ट्रीय आज़ाद मंच के नाम से भी एक ऐसा दल रजिस्टर्ड है जो क्रमांक 2008 पर है.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि उपरोक्त चारों रजिस्टर्ड परन्तु गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भारतीय चुनाव आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29 ए मे केवल रजिस्टर्ड अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है, इसलिए आयोग द्वारा आज तक उनके लिए कोई भी चुनाव चिन्ह आरक्षित नहीं किया गया है.
दिसंबर, 2020 में अंबाला नगर निगम चुनावों में मेयर पद जीतने और पार्टी के 7 नगर निगम सदस्य बनने के बावजूद हजपा (वी) को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा नहीं मिल सका है क्योंकि ऐसी मान्यता भारतीय चुनाव आयोग द्वारा केवल लोकसभा या विधानसभा चुनावो में पार्टी के प्रदर्शन पर ही प्रदान की जाती है, नगर निगम या नगर पालिका/परिषद चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर नहीं.
हेमंत ने बताया कि बेशक दिसम्बर, 2020 में अंबाला नगर निगम चुनावों में हजपा (वी) के उम्मीदवारों को गैस सिलेंडर जबकि एच.डी.एफ. के प्रत्याशियों को कप प्लेट का चुनाव चिन्ह अलॉट किया गया था, जो हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर किया गया था परंतु इन दोनों दलों का उक्त चुनाव चिन्हों पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है. गैस सिलेंडर चुनाव आयोग की सूची में फ्री- सिंबल ( मुक्त चुनाव चिन्ह) है जबकि कप-प्लेट उत्तर प्रदेश में अपना दल( सोनेलाल) नामक क्षेत्रीय दल का आरक्षित चुनाव चिन्ह है.