बाबैन, राकेश शर्मा

गांव ईशरहेड़ी में शिव मंदिर के नजदीक नैब सिंह के निवास स्थान में 28 फरवरी से 5 मार्च तक होने वाली श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक संत श्री गोपाल स्वामी जी महाराज ने सुंदर संकीर्तन करके कथा का शुभारंभ किया। श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन पडि़त सुरेंद्र शर्मा ने परिवार सहित गणेश वंदना व सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना की। इस मौके पर पडि़त सुरेंद्र शर्मा ने मुख्य रूप से शिरक्त करते हुए कथा का शुभारंभ करवाया। श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक संत श्री गोपाल स्वामी जी महाराज ने बताया शुकदेव की वंदना के बारे में वर्णन करते हुए कहा कि श्री श्रीमद् भागवत की अमर कथा एंव शुकदेव के जन्म का विस्तार से वर्णन किया। कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने शुकदेव महाराज को धरती पर भेजा भागवत कथा गायन करने को ताकि कलियुग के लोगों का कल्याण हो सके। कथावाचक संत श्री गोपाल स्वामी जी महाराज ने बताया कि भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते है ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े। मानव मुठ्ठी बंद करके यह सकंल्प दोहराते हुए इस पृथ्वी पर जन्म लेता है। उन्होंने कहा कि श्री श्रीमद् भागवत सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते है। संत श्री गोपाल स्वामी जी महाराज ने कथा वाचन करते हुए कहा कि भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं ऐसा कर्म करना जिससे दोबारा जन्म ना लेना पड़े। भागवत ने कहा है जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, जो प्रभु का मार्ग हो उसे अपना लो, इस संसार में जन्म-मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर पडि़त सुरेंद्र शर्मा, नैब सिंह ईशरहेड़ी, पडि़त रामकरण शर्मा, सुरेश कुमार, संदीप गर्ग व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

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