– विधि के विधान के अनुसार पहले से ही निश्चित था राम वनवास: करूणदास
– जय मां दुर्गा जय श्री महाकाल ट्रस्ट द्वारा श्री राम कथा आयोजन का पांचवां दिन
कुरुक्षेत्र, 20 जनवरी : जय मां दुर्गा जय श्री महाकाल ट्रस्ट एवं मां बाला सुंदरी यज्ञशाला मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में दुःखभंजन महादेव मंदिर में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्याधाम में राम मंदिर की पुनः स्थापना के उपलक्ष्य में चल रही श्रीराम कथा के पांचवें दिन कथाव्यास संत करूणदास महाराज ने श्रद्धालुओं को राम वनवास प्रसंग सुनाया।जानकारी देते हुए आयोजन समिति सदस्य अंकुश गुप्ता एवं विनीत गर्ग ने बताया कि शुक्रवार सांय श्रीराम कथा में आयोजन समिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा बारना, पंडित राजेश मौदगिल, सचिन गुप्ता, जतिन गुप्ता और अभिषेक गुप्ता ने कथाव्यास को तिलक लगाकर व्यासपीठ की पूजा की। कथा के मंच पर जगज्योति दरबार बिजड़पुर के महंत राजेंद्रपुरी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को समर्पित 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होगा। संपर्ण भारतवर्ष में पुनः दिवाली मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लगभग 500 वर्षों के इंतजार जिसमें हमारे बुजुर्गों की कई पीढ़ियां चली गई,वो सौभाग्यशाली दिन देखने का हमें सौभाग्य मिला है। महंत ने आह्वान किया कि इस दिन हर घर में दीप जलाए जाएं, रंगोली और फूलों से घर सजाए जाएं,आतिशबाजी और रोशनी करके दिवाली जैसा जश्न हर घर में होना चाहिए। भारतीय इतिहास में 22 जनवरी का दिन राम दिवस के रूप में सदैव याद रखा जाएगा। प्रवचनों में करुणदास महाराज ने बताया कि राम वनवास रामायण की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है।भगवान श्रीराम का देवी सीता व अपने भाई लक्ष्मण के साथ वनवास गमन करना विधि के विधान के अनुसार पहले से ही निश्चित था। रामायण की कथा के अनुसार केकई की जिद की वजह से भगवान राम को वनवास जाना पड़ा था। लेकिन यह मात्र एक दृश्य घटना है श्रीराम के गमन के पीछे कई ओर कारण भी थे जिन्हें वही व्यक्ति समझ सकता है जिन्होंने रामायण को पढ़ा हो और समझा हो। कैकयी ने हमेशा राम को अपने पुत्र भरत के समान ही प्रेम किया। केकेयी ने राम के साथ कभी भी भेदभाव नहीं किया। यही वजह थी कि जो भरत को पता चला कि राम वनवास किसकी वजह से जा रहे हैं। तो उनको बहुत आश्चर्य हुआ तब भरत बहुत हैरान थे और सच बात यह है कि केकई ने यह जानबूझकर नहीं किया था ।इनसे यह काम देवताओं ने करवाया था। यह बात राम चरित्र मानस के दोहे से स्पष्ट होता है “बिपत्ति हमारी बिलोकि बड़ी मातु करिए सोई आजू। कथा के बीच-बीच में सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। कथा में जय श्री राम और हर हर महादेव के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। श्री राम आरती में गोरखनाथ मंदिर सनौर (पंजाब) के महंत पालनाथ, श्री खाटू श्याम परिवार सेवा समिति के महासचिव रमेश शर्मा,जगदंबा सेवा समिति के प्रधान अशोक गर्ग, चंद्रभान कौशिक,सतपाल शर्मा ग्योंग, कपिल गुप्ता, राकेश मौदगिल, प्रेम मदान,विजय कुमार मित्तल,भारत भूषण सिंगला, गोपाल शर्मा, राहुल तंवर एडवोकेट और जरनैल सैनी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।