बचाव के लिए करें मोजें और दस्तानों का इस्तेमाल: डा.ममगाईं
कुरुक्षेत्र । आजकल गंभीर सर्दी के चलते हाथों एवं पैरों की उंगलियां क्रमशः सफेद पीली और नीली हो सकती हैं। ये लक्षण मधुमेह, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, पीआईवीडी, कार्पल टनल सिंड्रोम, न्यूरोपैथी, ऊतकों की बीमारियों सहित(कनेक्टिव टिशु डिसऑर्डर)सहित कई बीमारियों से जुड़े हो सकते हैं।
यह जानकारी पूर्व सिविल सर्जन लोकनायक जयप्रकाश जिला नागरिक अस्पताल के परामर्शक- फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र ममगाईं ‘शैली ‘ने आज दी।
उन्होंने बताया कि अमूमन सर्दी के मौसम में हाथ-पैर सुन्न हो जाना एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे रेयनॉड डिजीज कहा जाता है। ऐसा सर्दी के मौसम में ठंड के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया से हाथ पैरों की रक्त वाहनियों के सिकुड़ने से होता है।
इस बीमारी की शुरुआत में उंगलियों में खुजली, सूजन, लालिमा एवं सुन्नपन दिखाई देता है और बाद में रक्त संचार और कम होने से वे सफेद या नीली हो जाती हैं।  अंतिम त्वचा को रक्त पहुंचाने वाली रक्त शिराओं के संकुचन से उंगली या नाक-कान के सिरों पर दर्द होना या अजीब सा कुछ महसूस होता है।
डॉ.शैली के मुताबिक यह बीमारी महिलाओं में अधिक देखी जाती है और इसके चलते उंगलियां खराब होने के कारण उन्हें काटना भी पड़ सकता है।
इस बीमारी से बचाव के उपायों की चर्चा करते हुए डॉ. ममगाईं ने बताया कि इस मौसम में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े मोजें और दस्ताने पहनें; धूम्रपान और कैफीन का सेवन न करें ,नाक और कान को ढक कर रखें, यदि संभव हो तो मंकी कैप का इस्तेमाल करें और ठंडे पानी में हाथ को डालने से बचें। हालांकि शारीरिक गतिविधियों से इस बीमारी में कुछ निजात मिल सकती है। विशेष रूप से मधुमेह के मरीजों को ज्यादा परेशानी होने पर आग तपने, मालिश करने और ठंड से बचकर रहने पर भी लाभ न हो तो फिजिशियन से सलाह लें।

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