हर रोज नए-नए तरीकों से हो रही साइबर ठगी से बचने के लिए पुलिस ने की एडवाइजरी जारी
डॉ. राजेश वधवा
कुरुक्षेत्र। साइबर अपराधी अपराध करने के नए नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरूकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं। कुरुक्षेत्र पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र श्री सुरेन्द्र सिंह भोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आज इंटरनेट की दुनिया में हर व्यक्ति कंप्यूटर व मोबाइल से जुडा है। आमजन को साइबर अपराधों से बचने के लिए सचेत रहना होगा । साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बडा हथियार है। साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे है जिनके प्रति बेहद सजग रहने की जरूरत है।
न्यूड वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बनाया जाता है ठगी का शिकार ।
साइबर अपराधी फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य माध्यम से लड़कियों के नाम से व्हाट्सएप व फेसबुक पर अपनी आईडी से फ्रेंड बनाकर चैटिंग करना शुरु कर देते हैं। साइबर ठग दोस्ती करने के बाद रात के समय उनके पास फेसबुक मैसेंजर या व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके न्यूड वीडियो बना लेते हैं। वह अपने फोन में स्क्रीन रिकॉर्डर ऑन करके युवकों की विडियो रिकार्ड कर लेते हैं। इस प्रकार साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों के पास वीडियो कॉल करके न्यूड वीडियो वायरल करने के धमकी देकर रुपयों की मांग करके पैसे ठग लेते हैं । आमजन से अपील है कि किसी भी अज्ञात नम्बर से आई आडियो, विडियो व्हाट्सएप कॉल को रिसीव ना करें।
फर्जी लोन एप्प से रहें सावधान, हो सकती है धोखाधडी
कॉल फॉरवर्डिंग के जरिये की जा रही ठगी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आजकल एक नया स्कैम सामने आया है। साईबर ठग आपके पास आएगा और कहेगा की उसका फोन घर पर रह गया है और उसे अपने भाई या घर पर फ़ोन करना है। स्कैमर आपके फोन से *21* या *401* से अपने नंबर क़ो शुरू करके कॉल फॉरवडिंग कर देता है। स्कैमर आपको फ़ोन वापिस देगा और मदद के लिए धन्यवाद करेगा । कुछ समय बाद आपको पता चलेगा की आपके खाते से पैसा निकलने शुरू हो गए है। इसमें आपके जितने भी ओटीपी जो कॉल के माध्यम से आपको बताये जाते है उनका प्रयोग करके स्कैमर आपके पैसे निकाल सकता है। इस स्कैम से बचने के लिए अपने हाथो से खुद नंबर मिलाकर देना चाहिए।
बिना ऑर्डर पार्सल के नाम से ठगी
जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा किसी व्यक्ति के पते पर कोरियर के जरिए एक पार्सल भेजा जाता है जो उसने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता। जाहिर है कि वह ऑर्डर रिसीव करने से मना कर देगा। फिर डिलिवरी बॉय उस पार्सल भेजने वाले को फोन लगाएगा जिसका नंबर ‘कस्टमर केयर’ के रूप में लेबल पर दिया होगा। उस व्यक्ति की फोन पर बात कराई जाएगी और उसे समझाया जाएगा कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया तो कैंसिल करा सकता है। बस इसके लिए मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा। पीछा छुड़ाने के लिए शिकार जल्दबाजी में ओटीपी बता देता है और यहीं पर चूक हो जाती है। कॉल पर ओटीपी मिलते ही दूसरी ओर बैठे ठग व्यक्ति का बैंक खाता खाली कर देते हैं। हमे ऐसे ठगो से सतर्क रहना है ।
आसान तरीके से पैसे कमाने के नाम पर ठगी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ठगी के नये तरीके के अनुसार आसान तरीके से पैसे कमाने के मैसेज के साथ एक लिंक भेजा जाता है जैसे लिंक पर क्लिक किया जाता है तो वाट्सएप पर मैसेज आता है। फिर उसके वाट्सएप पर लिंक भेजकर उसपर क्लिक करके रजिस्टर्ड होने के लिये उकसाया जाता है। व्यक्ति द्वारा जैसे ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है तो उसके अकाउंट में 100 रुपये भेजे जाते हैं। उसके बाद उसे कहा जाता है कि अगर वह आगे भी उनका बताया टास्क पूरा करेंगे तो उन्हें कमीशन के तौर पर पैसे मिलेंगे। जब व्यक्ति ठगों के अकाउंट में और रुपए भेजता है तो उसके खाते में और ज्यादा रुपए आते हैं। इस प्रकार शुरुआत में ठग थोडे-थोडे करके उसके पास रुपये भेजते हैं लेकिन बाद में उसके साथ ठगी का खेल खेला जाता है और उसके खाते से लाखों रुपये हडप लिये जाते हैं।
ब्लूटूथ कनेक्ट करके करते हैं ठगी
पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भोरिया ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते है। । उन्होने बताया कि ये साइबर ठग भीड़भाड़ वाले स्थानो पर जाकर अपने मोबाईल फोन से अन्य व्यक्ति के मोबाईल फोन पर ब्लूटूथ कनेक्ट की रिक्वेस्ट सेंड करते है । जैसे ही किसी मोबाइल फोन के ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होते है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते है और इस प्रकार उसका सारा अकाउंट खाली कर देते है । एसपी ने ऐसे अपराधों से बचने के लिए बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि किसी अंजान डिवाईस से आने वाली ब्लूटूथ कनेक्ट रिक्वेस्ट स्वीकार ना करे ।
चार्जिंग स्टेशनों की मार्फत अकाउंट में सेंध लगा सकते है।
पुलिस अधीक्षक अधीक्षक ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बैटरी खत्म हो जाती है तो ऐसे में हम किसी चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल करते है। सरकार द्वारा आमजन की सुविधा के लिए कई जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाए गए है लेकिन साइबर ठग वहां पर भी इन चार्जिंग स्टेशनों की मार्फत अकाउंट में सेंध लगा सकते है। उन्होने बताया कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर लगी हुई डाटा केबल में जालसाजों द्वारा पहले से ही चीप लगाई होती है, यदि कोई आमजन उस डाटा केबल से अपनी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चार्ज करता है तो जालसाज डाटा केबल में लगी चीप के मार्फत डिवाइस का सारा डाटा उस चिप में स्टोर कर लेते है। इसी डाटा की मार्फत वो बाद में अकाउंट खाली करके साइबर क्राइम को अंजाम देते है। एसपी ने ऐसे अपराधों से बचने के लिए बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे इस प्रकार के चार्जिंग स्टेशनों का इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि वहां पर पहले से लगी डाटा केबल का प्रयोग न करे।
पेंशन स्कीम योजना के तहत रिटायर कर्मचारियों का पैसा कंपनी मे लगवाने के नाम पर करते हैं धोखाधड़ी :
जानकारी देते हुए साईबर थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि आरोपीगण किसी भी माध्यम से रिटायर होने वाले कर्मचारियों का डाटा एकत्रित कर लेते है डाटा के अनुसार रिटायर कर्मचारी पर फोन के माध्यम से सम्पर्क करके उसके पैसे पर ज्यादा ब्याज या ज्यादा मुनाफा देने का लालच देकर किसी कंपनी में पैसा लगाने का ऑफर देते है। एक बार कोई कर्मचारी इनकी बातों में आ जाता तो इस गिरोह के सदस्य अलग-अलग समय में पीड़ित से बात करके उसका पैसा कंपनी में लगाने के नाम पर ठगी करते है। पर इस तरह से पैसा निवेश करवाने वाले ठग हो सकते है । इसलिए सतर्कता और सावधानी में ही बचाव है ।
आमजन से अपील करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री सुरेन्द्र सिंह भोरिया ने कहा कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साईबर अपराध हो जाता है या आप किसी ऑनलाईन ठगी का शिकार हो जाते हैं तो इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राईम पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करवायें । पीड़ित व्यक्ति नजदीकी पुलिस स्टेशन स्थित साइबर सेल और साइबर हेल्प डेस्क पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है । साइबर ठगी होने पर तुरन्त टोल-फ्री नम्बर 1930 पर कॉल करें। इससे आपका पैसा वापिस आ सकता है ।