हसीं-ठहाकों से समाज को आईना दिखा गया नाटक गई भैंस पाणी में
———
जीवन में हंसी ना हो तो जीवन नीरस हो जाता है। हास्य जहां तनाव को दूर करता है, वहीं लोगों के अंदर स्फूर्ति भी पैदा करता है। ऐसे में कलाकार जब हास्य के साथ-साथ सामाजिक संदेश लोगों तक पहुंचाते है और समाज को आईना दिखाते हैं, तो उनकी कला की सार्थकता सिद्ध होती है। यह कहना था चण्डीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष व राष्ट्रपति अवार्डी वरिष्ठ रंगकर्मी सुदेश शर्मा का। वे परम्परा आर्टस द्वारा टैगोर थियेटर चण्डीगढ़ में शुरु किए गए रंग परम्परा नाट्य उत्सव के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि दर्शकों को सम्बोंधित कर रहे थे। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला व चण्डीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से 25 से 31 दिसम्बर तक चलने वाले सात दिवसीय नाट्य उत्सव के पहले दिन न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप कुरुक्षेत्र के कलाकारों द्वारा विकास शर्मा के लेखन व निर्देशन से सजा हास्य नाटक गई भैंस पाणी में मंचित किया गया। नाटक ने हास्य रस में लोगों को डुबकियां लगवाते हुए बड़े ही रोचक ढंग से साईबर क्राईम से बचने का संदेश दिया। नाटक में एक ऐसे परिवार में घटित घटना को दिखाया गया, जो लालच में आकर गरीब बनने का ढोंग करते हुए साईबर क्राईम के शिकार हो जाते हैं। नत्थू और फुल्लो का बेहद अमीर परिवार है, जिसमें उनके दो बेटे और एक बहन भी साथ रहती है। एक दिन एक साईबर ठग गांव की भोली-भाली जनता को गुमराह करके अमीर बनाने का सपना दिखा देता है। जिसके कारण फुल्लो और उसका परिवार अमीर होते हुए भी गरीब बनने का ढोंग करते है। परिवार का प्रत्येक सदस्य हास्य और हाजिर जवाबी के अंदाज में अपने-अपने ढंग से साईबर ठग को अपनी गरीबी का प्रमाण देता है। अंत में साईबर ठग साईबर क्राईम के जरिए नत्थू के परिवार के तीस हजार रुपये ठग लेता है। बाद में उसे पुलिस पकड़ लेती है, और नत्थू के परिवार को साईबर क्राईम के बारे में सचेत करती है। इस प्रकार हंसी के फव्वारे के साथ कलाकार लोगों को साईबर ठगी से बचने की सलाह देते हैं। नाटक में नत्थू के किरदार में गौरव दीपक जांगड़ा, फुल्लो निकेता कौशिक, भतेरी मनू महक माल्यान, चतर सिंह फण्डी शिव कुमार किरमच, कालू चंचल शर्मा, अमरु अमरदीप जांगड़ा, नौकर निखिल पारचा, पुलिस राजीव कुमार, जैल सिंह सागर शर्मा, सिपाही पार्थ शर्मा, बबली राजकुमारी तथा चौकीदार अनुराग यदुवंशी रहे। वहीं संगीत संचालन आकाशदीप ने किया तथा प्रकाश व्यवस्था साहिल खान ने सम्भाली। कार्यक्रम के अंत में मुख्यअतिथि सुदेश शर्मा ने नाटक निर्देशक विकास शर्मा को शॉल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर टैगोर थियेटर के निदेशक अभिषेक शर्मा, कवि व नाटककार राजेश आत्रेय, परम्परा आर्टस से वरुण शर्मा, विनोद पवार, करुण शर्मा, राजेश अमरलाल बब्बर आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *