कुरुक्षेत्र, 15 दिसम्बर। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में आयोजित हरियाणा पैवेलियन में देसी घी का तडक़ा लगेगा और उसके साथ ही हरियाणवी खान-पान पर्यटकों को उपलब्ध रहेगा। यह जानकारी विश्वविद्यालय के लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने दी।
डॉ. दीपक राय ने बताया कि हरियाणा पैवेलियन इस वर्ष पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें हरियाणा हस्तशिल्प के साथ-साथ हरियाणवी खान-पान विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगा। हरियाणा प्रदेश खान-पान के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह वही प्रदेश है जिसके विषय में कहा जाता है ‘देशों में देश हरियाणा, जित दूध दही का खाणा’। हरियाणा की खान-पान की व्यवस्था लोक पारंपरिक तरीके से ऋतु के अनुसार होती है। हरियाणा के लोग जहां गर्मियों में ठंडा खाना खाते हैं वहीं पर सर्दियों में गर्म खाना खाते हैं। इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए हरियाणा पैवेलियन में पर्यटकों के लिए हरियाणवी व्यंजन उपलब्ध रहेंगे।
इस विषय में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणा पैवेलियन की रसोई में आने वाले पर्यटक साग के साथ मक्के-बाजरे की रोटी, कचरी की चटनी, गाजर का हलवा, गुड़ के चावल, गुड़ का हलवा, बाजरे की खिचड़ी, देसी घी का चूरमा, देसी घी की जलेबी, खीर, देसी घी के गोंद के लड्डू, गुड़ की चाय, चना बाकली, कढ़ी चावल, मीठी लस्सी, नमकीन लस्सी, देसी घी की टिक्की, दही बल्ले, देसी घी के ड्राई फ्रुट लड्डू, देसी घी के गुलाब जामून, तिल्ला कुल्फी, राजमा चावल, गोल गप्पे आदि का स्वाद चख सकेंगे।

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