ड्रेन पुल के नजदीक बनेगा खंडा चौक, राज्य मंत्री ने नीजि कोष से चौक के लिए 31 लाख रुपए देने की घोषणा की, ननकाना साहिब जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए स्थापित होगा हेल्प डेस्क, हजारों की संख्या में संगत ने नतमस्तक होकर अनाजमंडी में गुरमत समागम में गुरु दरबार में भारी हाजरी
पिहोवा 5 दिसम्बर –
हरियाणा के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ने पूरी दुनियां को मानव सेवा के कार्य करने और परमात्मा का नाम जपने का संदेश दिया। उनके सिद्धांतों का अनुसरण करके हमेशा तरक्की की राह पर बढ़ा जा सकता है। इसी उद्देश्य को लेकर अनाज मंडी में राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह की तरफ से महान गुरमत समागम आयोजित किया गया। ताकि समाज की युवा पीढ़ी जो धर्म से विमुख होती जा रही है। वह इस समागम के जरिए संत महात्माओं से रूबरू होकर अपने जीवन के असली उद्देश्य को पहचान सके। राज्य मंत्री संदीप सिंह ने अनाज मंडी में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित विशेष गुरमत समागम में बतौर आयोजक बोलते हुए कहा कि यह उत्सव साहिब श्री गुरु नानक देव जी के जीवन, उपलब्धियों और विरासत का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि उनकी सम्पूर्ण शिक्षाएं श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में संग्रहित हैं, इस बार श्री गुरू नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व को समर्पित विशेष गुरमति समागम को असंख्य श्रद्घालुओं के समक्ष आयोजित किया गया है। उन्होंने आई हुई साध संगत, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं सहित सहयोगी संस्थाओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से यह विशेष गुरमति समागम सफलतापूर्वक आयोजित हो पाया है। समागम में छोटे बच्चों द्वारा पांच प्यारे का स्वरूप धारण कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेका। राज्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज को एकता में जोडऩे व भाईचारा बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कीरत करो, नाम जपो व वंड शको के सिद्घांत से दुनिया को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी केवल शांति के माध्यम से तथा अपने सच्चे तर्कों के माध्यम से लोगों की भ्रांतियां दूर करते थे। राज्यमंत्री ने विशेष गुरमति समागम में आए हुए अतिथियों को सिरोपा भेंट कर उनका आर्शीवाद लिया और समागम में चल रहे लंगर में संगत से बातचीत भी की। समागम में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से भी प्रतिनिधियों एवं सभी धर्म और संप्रदायों के लोगों ने शिरकत की। इस अवसर पर डेरा उदासीन अखाड़ा मांडी साहिब के मुखी संत बाबा गुरविंदर सिंह ने कहा कि जीवन में केवल परमात्मा का नाम और सिमरन ही भवसागर से बेड़ा पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि सांसारिक मोह माया में फंसे लोग परमात्मा को भूलकर दुख तकलीफों के भागी बन रहे हैं। जिसने परमात्मा के नाम का ध्यान लगा लिया। दुख तकलीफ उसके नजदीक भी नहीं आते। उसके आंगन में केवल उजाला ही उजाला होता है। मंहत बंसी पुरी ने विशेष गुरमति समागम में कहा कि पिहोवा एक धार्मिक नगरी है। यहां पर सिखों के सात गुरुओं ने अपने चरणकमलों से इस धरती को निहाल किया। जब भी पिहोवा का नाम लिया जाता है, तो पवित्र शब्द को जोडक़र पवित्र नगरी पिहोवा के नाम से जाना जाता है। अंबाला रोड पर मिली खंडा चौक की सौगात राज्यमंत्री संदीप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिहोवा के निर्माणाधीन ड्रेन पुल के नजदीक खंडा चौंक बनाया जाएगा, जिसके निर्माण और सौंदर्यकरण के लिए राज्यमंत्री ने अपने नीजि कोष से 31 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में पिहोवा में एक विशाल शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें इच्छुक व्यक्ति पाकिस्तान ननकाना साहिब गुरुद्वारा में दर्शन करना चाहते हैं, उनके वीजा के लिए कागजी कार्रवाई एवं ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करवाने में मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगले वर्ष इसी तरह का समागम फिर से आयोजित किया जाएगा। विशेष गुरमति समागम में तख्त श्री पटना साहिब से आए भाई सरबजीत सिंह जी ने मधुर कीर्तन कर आई हुई संगत को निहाल किया और कहा कि हर कार्य को आरंभ करने से पहले गुरू का सिमरन तथा अरदास अति आवश्यक है। गुरु के समक्ष अरदास करने से हर कार्य में गुरू स्वयं हाजिर होकर उस कार्य को सम्पूर्ण करता है। उन्होंने समागम में पंहुची संगत को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी तथा संगत को गुरु जी के सिद्घांतो को अपनाने बारे कहा। समागम में गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब के हैड ग्रंथी रणजीत सिंह जी ने आई हुई संगत को श्री गुरु नानक देव जी की कथा सुनाकर निहाल किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी सिखों के पहले गुरु थे। श्री गुरु नानक देव जी ने योद्घा होने की नींव पहले ही रख दी थी। गुरु जी ने कहा कि जिन प्रेम खेलन का चाव, सिर तक तली गली मेरी आओ… । उन्होने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से प्रभावित होकर उस समय के काबे कुछ काज़ी लोगों ने सिख धर्म को अपना लिया था। श्री दरबार साहिब से आए हजूरी रागी भाई दविंद्र सिंह जी ने कीर्तन के माध्यम से श्री गुरु नानक देव जी के जीवन बारे प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का अवतार उस समय हुआ, जब धरती पर बहुत सारी सामाजिक कुरीतियां फैल चुकी थीं। विशेष गुरमति समागम में मंच का संचालन तेजेंद्र स्याहपोश ने किया। विशेष गुरमति समागम में पंहुचे संत बाबा गुरविंद्र सिंह मांडी साहिब वाले, संत बाबा मणि सिंह जी जुरासी वाले, महंत महेश मुनि जी बड़ा अखाडा, साधु समाज के अध्यक्ष, मंहत बंसीपुरी जी, महंत तरणदास जी, महंत चमन गिरी जी, महंत लाल गिरी, महंत ईश्वर दास शास्त्री, संत प्रेम अराधना नंद, महंत सर्वेश्वरी गिरी, महंत राम दत्त गिरी, निहंग बाबा शेर सिंह जी सहित कई संतो ने भी श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर अपने विचार रखे। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के महासचिव रमनीक सिंह मान ने भी विशेष गुरमति समागम में अपने विचार रखे। समागम में विशाल लंगर की व्यवस्था भी की गई थी, जिसमें आई हुई संगत ने गुरु का प्रसाद छका। विशेष गुरमति समागम का समापन गुरु के समक्ष अरदास करके किया गया। विशेष गुरमति समागम में राज्य मंत्री संदीप सिंह की पत्नी हरजिंदर कौर के साथ सैकड़ो महिलाओं के जत्थे ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर एसडीएम सोनू राम, डीएसपी रजत गुलिया के अलावा राज्यमंत्री संदीप सिंह के भाई बिक्रमजीत सिंह, नगरपालिका चेयरमैन आशीष चक्रपाणि, जत्थेदार सतपाल सिंह रामगढ़िया, रामकिशन दुआ, लवप्रीत सिंह खैहरा, अमरजीत औलख सरपंच मांगना, मंडल अध्यक्ष राकेश पुरोहित, सरपंच प्रधान जेपी मेहला, गुरमेहर विर्क, विक्रम चक्रपाणि सहित भारी संख्या में संगत उपस्थित थी।