शिक्षा मंत्री ने भेजा वीडियो सन्देश कहा सांस्कृतिक गतिविधियां सामाजिक बदलाव का आधार,
कुरुक्षेत्र 1 दिसंबर शिक्षा विभाग का राज्यस्तरीय सांस्कृतिक उत्सव शुक्रवार को राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के केशव सभागार में शुरू हुआ। बतौर मुख्यातिथि विधायक सुभाष सुधा ने कल्चरल फेस्टिवल का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुभारंभ किया जबकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने विडियो सन्देश के माध्यम से प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने अतिथियों का स्वागत किया तो जिला शिक्षा अधिकारी रोहतास वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा। तीन दिन तक चलने वाले इस उत्सव में चार विधाओं के दो वर्गों में प्रदेश के सभी 22 जिलों के 2000  छात्र-छात्राएं अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।  इस अवसर पर  सर्व शिक्षा अभियान की डीपीसी सन्तोष शर्मा, निदेशालय से आए सहायक निदेशक राजीव वत्स, कार्यक्रम अधिकारी पूनम अहलावत, अमनप्रीत कौर, खंड शिक्षा अधिकारी थानेसर इंदु कौशिक, बीईओ बाबैन सन्तोष चौहान,  प्रिंसिपल  दया सिंह स्वामी सहित अनेक विभागीय अधिकारी व अध्यापक मौजूद थे।
प्रदेश भर से आए प्रतिभागियों को जारी सन्देश में शिक्षा मंत्री चौधरी कंवरपाल ने कहा कि गीत संगीत भारतीय संस्कृति का अहम पहलू हैं। यह गतिविधियां केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव का भी साधन हैं। देश की आजादी में गीतों व रागनियों ने जहाँ आमजन में जोश भरा वहीं वर्तमान समय मे बेटी बचाओ व स्वच्छता जैसे अभियानों की सफलता में इन कलाओं का अहम योगदान रहा है। प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने में जुटी है।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि कुरुक्षेत्र एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभर रहा है तथा आए दिन होने वाली इन गतिविधियों से इस पहचान को और मजबूती मिलती है। शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियों से न केवल विद्यार्थियों में संस्कार बढ़ते हैं बल्कि लुप्त होती लोक कलाएं भी और जीवंत होती हैं। शिक्षा विभाग को  शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना चाहिए।
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षा मंत्री कंवरपाल का शिक्षा क्षेत्र के प्रति गहरा लगाव है। मुख्यमंत्री ने एक लाख 80 हजार की आमदनी वाले परिवार की बेटियां के लिए नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान रखा है। उनके विजन के चलते प्रदेश के राजकीय विद्यालय निजी स्कूलों को भी मात दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र एवम सर्वांगीण विकास करना होता है। जिसमें उसके शारिरिक व बौद्धिक विकास के साथ सांस्कृतिक विकास भी शामिल है।  ये स्पर्धाएं विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखार देती हैं।  भाषा, कला व संस्कृति ही मनुष्य को अन्य प्राणियों से अलग व विलक्षण बनाती हैं। उन्होंने प्रतिभागी विद्यार्थियों को तीन दिन तक चलने वाली स्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं और व्यवस्था में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रदेशभर से आए प्रतिभागियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक ने  कहा कि विद्यार्थियों को खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ क्विज व अन्य सह शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़चढक़र भाग लेना चाहिए। सांस्कृतिक उत्सव के तहत समूह नृत्य, एकल नृत्य, रागनी व स्किट  स्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं। उन्होंने  बताया कि इन स्पर्धाओं में प्रदेश भर के 2000से अधिक छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। उन्होंने  कहा कि कुरुक्षेत्र की टीम ऐसे आयोजनों में पूरे मनोयोग से काम करती है और हर वर्ष सफलतापूर्वक सम्पन्न करती है।  आयोजन को भव्य व व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए अलग-अलग अधिकारियों की अगुवाई में 25 टीमें गठित की गई हैं।
बाक्स
मंचों पर बजेगा हरियाणवी संस्कृति का डंका
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विद्यालय प्रांगण में एक से 4 दिसंबर तक चलने वाले स्टेट लेवल कल्चरल फेस्टिवल में  ग्रुप डांस, सोलो डांस,  रागनी व स्किट प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। सभी प्रतियोगिताएं दो वर्गों में संपन्न होगी। पहले वर्ग में कक्षा 5 से 8 तथा दूसरे वर्ग में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिताओं के लिए विद्यालय परिसर में चार मंच बनाए गए हैं। केशव सागर के मुख्य मंच पर उदघाटन व समापन समारोह के साथ-साथ हरियाणवी ग्रुप डांस की स्पर्धा आयोजित की जाएगी जबकि एकल नृत्य के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में मंच बनाया गया है। विद्यालय के खेल मैदान में स्किट प्रतियोगिता के लिए विशाल मंच बनाया गया है तथा रागनी कंपटीशन स्कूल के स्थायी मंच पर आयोजित की जाएगी। पहले दिन शुक्रवार को कक्षा 9 से 12 वर्ग के मुकाबले शुरू हुए जो देर शाम तक चले।
बाक्स
हरियाणावी रंग में रंगा नजर आया परिसर
प्रतियोगिता के लिए राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल का प्रांगण पूरी तरह हरियाणवी रंग में रंगा नजर आ रहा है। प्रदेश के ग्रामीण परिवेश को दर्शाती अनेक झांकियां बनाई गई हैं तो विभाग के अध्यापकों ने हरियाणा की लोक संस्कृति व लोकजीवन को दर्शाती अनेक कृतियां प्रदर्शित की हैं। इस प्रदर्शनी में हरियाणा के लोक जीवन के प्रत्येक पक्ष को बहुत बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया गया था। घर मे आटा पीसने से लेकर दुध दुहने, खाना बनाने की झांकी आकर्षक थी तो अहोई, दशहरा, गोवर्धन आदि पर्वो को दर्शाती झांकी सहज ही सबका ध्यान खींच रही थी। इसके अलावा प्रदेश के पशुधन व खेलों से जुड़ी झांकी जीवंत थी। पारम्परिक खेल गिल्ली डंडा, फिटटो, कंचो से लेकर जेवलिन थ्रो तक प्रदर्शित थे। विधायक सुभाष सुधा भी परम्परागत खेलों में हाथ आजमाने लगे। विधायक ने बच्चों व अध्यापकों के प्रयास को खूब सराहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *