कुरुक्षेत्र, 28 नवम्बर : आज समाज को मजबूत बनाने के लिए बच्चों को शिक्षित करना जरूरी है। प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला ने आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने का प्रण लिया गया था। यह बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। एक वर्ष पूर्ण होने के पश्चात डा. सिंगला का स्वप्न साकार होता दिखाई दिया जब समर्थ भारत केंद्र के प्रथम वार्षिकोत्सव में बच्चों ने अपनी ऐसी प्रस्तुतियां दी।
इस अवसर पर हिंदी साहित्य एवं संस्कृत अकादमी के संस्कृति प्रकोष्ठ के नव नियुक्त निदेशक डा. सी.डी.एस. कौशल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। अध्यक्षता डा. रामेंद्र सिंह निदेशक विद्या भारती संस्कृति एवं शिक्षा संस्थान ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. के.के. सिंह प्रोफेसर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उपस्थित रहे। डा. सिंगला ने कहा कि आज हमारे बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ते जा रहे हैं। यह बच्चे अन्य बच्चों के मुकाबले में सर्वश्रेष्ठ रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसका सारा श्रेय समर्थ भारत केंद्र की प्राचार्य संगीता सिंह को जाता है। इस केंद्र की स्थापना में डा. रामेन्द्र सिंह ने कदम कदम पर सहयोग दिया।
मुख्य अतिथि डा. सी.डी.एस. कौशल ने कहा कि मुझे बच्चों की प्रस्तुतियां देखकर गर्व की अनुभूति हुई है जो बच्चे अपने जीवन में प्रथम बार स्टेज पर आए उन का आत्मविश्वास देखते ही बनता था। डा. रामेंद्र सिंह ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि शिक्षा के प्रचार प्रसार का हमारा यह प्रयास सफल रहा हम भविष्य में भी इस दिशा में निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे। इस अवसर पर आने वाले सभी मेहमानों का प्रेरणा संस्था अध्यक्षा रेनू खुंगर ने अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। बच्चों को समर्थ भारत केंद्र की प्रबंधन समिति द्वारा प्रमाणपत्र और सर्दी का मौसम देखते हुए जर्सियां भी वितरित की गई। इस अवसर पर करुणा कौशल, रतन चंद सरदाना, डा. विजय दत्त शर्मा, डा. ममता सूद, डा. बलवान, डा. केवल कृष्ण, डा. रुकमेष चौहान, परवीन शर्मा, राधा अग्रवाल, अनीता रामपाल, मीना कोहली, संजय मित्तल, सीमा बिरला, कविता रोहिल्ला, आशुतोष कौशल इत्यादि भी मौजूद रहे।

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