-खेलकुद प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होता है विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास- प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान

-तीन दिवसीय खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता का हुआ समापन

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान की ओर आयोजित तीन दिवसीय खेलकुद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का बुधवार को समापन हो गया। जिसमें विजेता टीम और एकल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। सांस्कृतिक प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो. करतार सिंह धीमान ने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के क्रिकेट मैच का टॉस कराया और खिलाड़ियों का उत्सावर्धन किया। डायरेक्टर यूथ वेलफेयर डॉ. रवि राज ने मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. करतार सिंह धीमान का पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया।

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत जरूरी हैं। खेलों से जहां मानसिक तनाव घटता है, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन में खुशी और नई ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास भी होता है, जब युवाओं का सर्वांगीण विकास होगा, तो देश और प्रदेश विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों से अपने कल्चर को भी जिंदा रखा जा सकता है। हरियाणा प्रदेश की इस मामले में एक समृद्ध विरासत है। नृत्य, संगीत, हस्तकला और यहां के स्थानीय व्यंजनों की विश्वभर में अलग पहचान है। इसे वीरों की भूमि भी कहते हैं क्योंकि तीनों सेनाओं के अन्दर सबसे ज्यादा हरियाणा के जवान मिलते हैं। जो प्रदेश को लोगों को गर्व की अनुभूति कराता है। समापन अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने विजेता टीम और एकल प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आयुष विवि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर वर्ष खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहा है। अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगिताओं का आयोजन शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है। इससे विद्यार्थियों में सामाजिक, नेतृत्व गुण और सहनशीलता की भावना विकसित होती है। इसके साथ ही विद्यार्थी को अपने देश और समाज की संस्कृति से भी रूबरू होने का मौका मिलता है। कार्यक्रम के अंत में डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. दिप्ति पराशर ने गणमान्यों का आभार प्रकट किया और कहा कि भविष्य में इस प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों को ओर बड़े स्तर पर कराया जाएगा। इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता में 250 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. सुरेंद्र सहरावत, डॉ. आशीष नांदल, डॉ. शीतल सिंगला, डॉ. बीजेंद्र तोमर, डॉ. मनीषा,  डॉ. ममता राणा, डॉ. लसिता, डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. मोहित और डॉ. रजनीश मौजूद रहे।

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