विद्यापीठ से शिक्षित हजारों विद्यार्थी देश के विभिन्न राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तर उच्च पदों पर पहुंचे
विद्यापीठ से शिक्षित दीपक शास्त्री असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होने के बाद ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लेने पहुंचा
कुरुक्षेत्र, 18 जुलाई : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम शिक्षण संस्थानों एवं कुरुक्षेत्र के श्री जयराम विद्यापीठ में पिछले 50 वर्षों से परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से निरंतर संस्कृत भाषा का संवर्धन और संरक्षण किया जा रहा है।
यह श्री जयराम संस्थाओं की उपलब्धियां हैं कि यहां से शिक्षित हजारों विद्यार्थी केंद्र सरकार सहित हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान व अन्य राज्यों में उच्च पदों पर आसीन हैं।
जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि यहां के कई स्नातक न्यायिक सेवा में भी कार्यरत हैं तो कई उच्च प्रशासनिक एवं हरियाणा सिविल सर्विसेज में हैं। उन्होंने बताया कि कई विद्यार्थियों ने यहां से शिक्षा ग्रहण कर शिक्षण क्षेत्र को ही अपनाया है।
ऐसे विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में प्रोफेसर, प्राध्यापक, पी.जी.टी. संस्कृत एवं टी.जी.टी. संस्कृत के पद पर कार्यरत हैं।
सिंगला ने बताया कि यहीं के स्नातक दीपक शर्मा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इतिहास में शास्त्री की सभी परीक्षाओं में गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। उसने सभी कक्षाओं में आज तक के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इतिहास में अंको की दृष्टि से यह उपलब्धि हासिल की है। इसके बराबर कोई भी विद्यार्थी इतने अंक हासिल नहीं कर सका है। सिंगला ने बताया कि दीपक शास्त्री का चयन दयाल सिंह कालेज करनाल में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है।
दीपक शर्मा ने नियुक्त के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से आशीर्वाद प्राप्त किया। ब्रह्मचारी ने उसे शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। ब्रह्मचारी ने कहा कि संस्कृत विश्व की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषा है। इसके बावजूद वर्तमान में इसकी उपेक्षा की जा रही है। जरूरत है कि संस्कृत भाषा का संरक्षण और संवर्धन किया जाए। जयराम संस्था संस्कृत को प्रोत्साहित कर देश को प्रतिभाशाली विद्यार्थी एवं नागरिक प्रदान करने का कार्य कर रही है।

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