विधायक सुभाष सुधा ने 7ए की रजिस्ट्रियों को खोलने का मुद्दा उठाया विधानसभा सत्र में, टीपी स्कीम के तहत शहर की 1970 में बनी कालोनियों में नियमानुसार खोली जाए रजिस्ट्रियां
कुरुक्षेत्र 20 मार्च विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि नगर परिषद थानेसर की सीमा से बाहर 8 किलोमीटर के एरिया में 7ए लागू होता है। इस क्षेत्र को कन्ट्रोल एरिया बोला जाता है। इस एरिया में लोगों की रजिस्ट्रियां नहीं हो रही है, राजस्व विभाग ने 7ए की रजिस्ट्रियां बंद कर दी है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए नियमानुसार जल्द से जल्द 7ए कन्ट्रोल एरिया की रजिस्ट्रियों को खोला जाए।
विधायक सुभाष सुधा ने थानेसर में 7ए के तहत रजिस्ट्रियों को खोलने का मुद्दा विधानसभा सत्र में रखा। उन्होंने थानेसर हल्का के ही नहीं 7ए के तहत सभी शहरों के लोगों की आवाज को विधानसभा सत्र में रखते हुए कहा कि राजस्व विभाग ने 7ए के तहत रजिस्ट्रियों को बंद कर दिया है, 7ए हरियाणा विकास एवं शहरी प्राधिकरण अधिनियम 1975 को पहली बार 24 मई 1979 में लागू किया गया 2.5 एकड खाली भूमि के सेल, गिफ्ट, लीज पर देने  के लिए एनओसी की आवश्यकता थी। इसके बाद इन नियमों में 3 अप्रैल 2017 को संशोधन किया गया जिसके तहत 2 कनाल की खाली भूमि पर रजिस्ट्री के लिए एनओसी अनिवार्य किया गया। इस नियम में 14 सितंबर 2020 को फिर संशोधन किया गया और नए नियम के अनुसार एक एकड़ से कम खाली भूमि की रजिस्ट्री के लिए एनओसी को अनिवार्य किया गया।
विधायक ने विस सत्र में 7ए के नियमों पर बोलते हुए कहा कि 7ए के नियमानुसार खाली भूमि ऐसी भूमि जिसमें या तो किसी प्रकार का निर्माण मौजूद नहीं है या निर्माण अधूरा व जर्जर अवस्था में है, या फिर मनुष्य के रहने के लिए उपयुक्त नहीं है और कानून का पालन किए बिना निर्माण किया गया हो, 7ए अधिनियम के अंतर्गत थानेसर का बाहरी, खेड़ी मारकंडा, खेडी ब्राह्मणा, मिर्जापुर, नरकतारी, सुनहेडी खालसा, आलमपुर, दयालपुर, रत्नडेरा, भिवानी खेडा, बिशनगढ, बीड पिपली, खेडी रामनगर, पलवल क्षेत्र आते है। इन सभी क्षेत्रों में मकान 35 वर्ष पुराने बने हुए है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा नियमों में संशोधन तो कर दिया गया, लेकिन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का कोई सर्वे नहीं करवाया गया। अगर सर्वे करवाया होता तो राजस्व विभाग के समक्ष 7ए की तस्वीर साफ होती। अब रजिस्ट्रियां ना होने के कारण मकान मालिकों को मूलभूत सुविधाओं जैसे क्रय, विक्रय, लीज, लोन, गिफ्ट इत्यादि में परेशानी आ रही है। इस विषय पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सदन में प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि इस विषय पर जल्द कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
बाक्स
टीपी स्कीम में भी खोला जाए रजिस्ट्रियों को
विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि 1970 की पुरानी नगर परिषद थानेसर की सीमा में लगभग 20-25 वर्ष पहले टीपी स्कीम 5, 6ए, 6बी, 6सी, 8ए, 8बी, 8सी, व 7, 9, 10 के तहत विष्णु कालोनी, सपडा कालोनी, ब्रह्मा कालोनी रेलवे रोड, ज्योतिनगर, राजेन्द्र नगर, पटेल नगर, न्यू कालोनी, गीता कालोनी, शास्त्री नगर, विश्वास नगर, शांति नगर, आजाद नगर, कल्याण नगर,प्रोफेसर कालोनी, दीदार नगर व झांसा रोड पर स्थित कालोनियां शामिल है, को अधिकृत किया गया था। अब इन कालोनियों की रजिस्ट्रियां बंद कर दी गई है। इन कालोनियों का डाटा खसरा नम्बर सहित तहसील थानेसर में अपडेट अभी तक नहीं किया गया है। जिसके कारण थानेसर की सीमा के अंदर जिस प्लाट की एनडीसी नप द्वारा जारी कर दी जाती है। उन प्लाट की भी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। यह सभी कालोनियां टीपी स्कीम के तहत लगभग 25 वर्ष पहले से अधिकृत है। वर्ष 2007, 2008, 2014 व 2019 में जितनी भी कालोनियों को नगर परिषद ने अधिकृत किया उनका रिकार्ड खसरा नम्बर सहित तहसील थानेसर को अपडेट करवा दिया गया। लेकिन वर्ष 2000 से पहले टीपी स्कीम के अंतर्गत कालोनियों का रिकार्ड व खसरा नम्बर तहसील थानेसर को अपडेट नहीं करवाया गया जिसकी वजह से रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही है। सरकार ने इस विषय पर नियमानुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *