हरियाणा के रोहतक में सरपंचों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार द्वारा लागू की गई ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंच प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से जारी सरपंचों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भी आ गई है। वहीं सरपंच भी अपने विरोध प्रदर्शन को तेज करने की तैयारी है।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आज सरकार के सामने सरकार बैठी है। असली सरकार तो सरपंच ही है। साथ ही उन्होंने BDC व पार्षदों से भी आह्वान किया कि वे भी सरपंचों का साथ दें। सरकार सभी का एक-एक करके नंबर डालेगी। साथ ही उन्होंने आमजन से भी कहा कि वे सरपंचों का साथ दें।
भारतीय किसान यूनियन सरपंचों के साथ
उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन भी सरपंचों के साथ खड़ी है। सरकार को सरपंचों से नहीं टकराना चाहिए। सरकार जल्द से जल्द सरपंचों की मांग पूरी करे। अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो भारतीय किसान यूनियन सरपंचों के साथ विरोध प्रदर्शन तेज करेगी। सरकार कोक झुकना पड़ेगा।
ई-टेंडरिंग से विकास कार्यों में परेशानी
सरपंचों ने कहा कि सरपंच सरकार की ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल स्कीम को लेकर सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। विरोध कर रहे सरपंचो का कहा कि ई-टेंडरिंग से गांव के विकास कार्यों में परेशानी होगी। इससे गांव के विकास कार्य समय पर नहीं हो सकेंगे। ई-टेंडरिंग व्यवस्था से गांव के विकास कार्यों में तेजी नहीं आ पाएगी, ठेकेदार अच्छे से काम नहीं करा पाएंगे।
सरकार ठेका प्रथा को दे रही बढ़ावा
उन्होंने कहा कि सरपंचों को गांव के विकास के लिए पूर्ण अधिकार दिए जाए। यह सरकार ठेके प्रथा को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा में पहले ही पंचायत चुनाव 2 साल की देरी से हुए हैं और अभी तक किसी भी गांव में विकास कार्य सुचारु रूप से शुरू नहीं हुए हैं। ठेकेदारों ने घटिया किस्म का मटेरियल इस्तेमाल किया है। सरकार ठेकेदारों से कमीशन ले रही है, इसलिए अधिकारियों और ठेकेदारों को फायदा दे रही रही।