एक ओर चंडीगढ़ प्रशासन पूरे शहर के डिजिटल सर्विलांस का दावा करती है वहीं इसके 300 करोड़ रुपए के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर(ICCC) प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए स्मार्ट कैमरे पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में बनाए गए जिस ICCC का पिछले वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया था उसके अंतर्गत सिर्फ 22 CCTV कैमरे पूरी तरह फंक्शनल पाए गए। RTI के मुताबिक संबंधित समय में कुल 710 कैमरों में से यही पूरी तरह से काम कर रहे थे। यह खुलासा एक RTI से प्राप्त जानकारी के तहत हुआ है।

वहीं पता चला है कि 18 अन्य CCTV कैमरे 26 नवंबर से 26 दिसंबर, 2022 तक नॉन-फंक्शनल रहे। वहीं बाकी कैमरे कुछ समय के लिए ही फंक्शनल रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि इस समय काल में शहर में हुए क्राइम और ट्रैफिक वॉयलेशंस को किसने कैप्चर किया जिसका दावा किया जाता है।

शहर में लगे लाइट प्वाइंट्स पर कई बार टाइमिंग भी खराब रहती है।
शहर में लगे लाइट प्वाइंट्स पर कई बार टाइमिंग भी खराब रहती है।

30 में से 28 दिन ही चला कैमरा
RTI से प्राप्त जानकारी में यह भी सामने आया है कि सेक्टर 46/47/48/49 लाइट व्वाइंट पर लगा कैमरा 93.27 प्रतिशत नॉन-फंक्शनल रहा। इसके हिसाब से 30 दिनों में से 28 दिन यह नहीं चला। वहीं सेक्टर 52 में लगा कैमरा 64.4 प्रतिशत नॉन-फंक्शनल रहा जिसके मुताबिक इसने 19 दिनों तक काम नहीं किया। सेक्टर 39(वेस्ट)/डड्‌डू माजरा लाइट प्वाइंट पर लगा कैमरा 51.57 प्रतिशत नॉन-फंक्शनल रहा जिसके मुताबिक यह लगभग 16 दिन नहीं चला।

एजेंसी को दंडित करना चाहिए: गर्ग
शहर के समाजसेवी और RTI एक्टिविस्ट आरके गर्ग ने यह जानकारी मांगी थी जिसमें स्मार्ट कैमरों की पोल खुली है। गर्ग ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट को चलाने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी तय कर इसे दंडित किया जाना चाहिए। वहीं चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के दावे के मुताबिक मौजूदा समय में 953 कैमरे पूरी तरह फंक्शनल हैं और सिर्फ 43 ही डाउन हैं।

बता दें कि ICCC शहरवासियों से जुड़ी कई प्रकार की अन्य सेवाओं से भी जुड़ा हुआ है। इसमें वॉटर, इलैक्ट्रिसिटी, सीवेज, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट, ई-मेल गवर्नेंस, पार्किंग और पब्लिक बाइक शेयरिंग शामिल है।

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