हरियाणा की महिला कोच के पिता ने मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग की। उनका कहना है कि ट्रांसफर के बाद ही बेटी परेशान थी। हालांकि उसके साथ क्या हुआ? इसका पता उन्हें भी प्रेस कान्फ्रेंस के बाद ही चला। उनका कहना है कि बेटी के साथ इस तरह की घिनौनी घटना के बाद संदीप को सिर्फ एक एमएलए के रूप में छोड़ देना चाहिए। उसका मंत्री बने रहना ठीक नहीं है। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने खुलकर अपनी बातें रखीं…।

27 को ट्रांसफर का पता चला
पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें 27 दिसंबर को ही बेटी के ट्रांसफर का पता चला था। वे भी चाहते थे कि उनकी बेटी झज्जर आ जाए। उन्होंने बेटी को कहा था कि सरकारी नौकरी के अंदर ट्रांसफर एक नियम है। लेकिन बेटी ने बताया कि अभी वह अपने पीक पीरियड पर है। मैने हमेशा पंचकूला या सिंथेटिक और अच्छे ग्राउंड पर प्रैक्टिस की है। मेरी बेटी की एजुकेशन भी वहीं की है। वहीं पर प्रैटिक्स कर मेरी बेटी ने ये मुकाम हासिल किया है।

भारतीय टीम के लिए डिजर्व करती है बेटी
वो बात दूसरी है कि उसको भारतीय टीम, जिसके लिए वो डिजर्व करती है, वो जगह नहीं मिल पाई। इसके पीछे क्या कहानियां रही ये मुझे भी मालूम नहीं, परंतु उसके ट्रांसफर को मैं भी चाह रहा था कि मेरी बेटी झज्जर आ जाए।

कोई बात नहीं अपने होम ग्राउंड पर आ जाए, तो उसने मुझे कारण बताया कि पापा अभी एशियन और नेशनल मीट है। ये मेरा पीक पीरियड है। इसके बाद सरकार मुझे जहां चाहे, वहां ट्रांसफर कर दे, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।

नेशनल-इंटरनेशनल खेलने की तैयारी
पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी कोचिंग के साथ-साथ नेशनल और इंटरनेशनल खेलने की तैयारी कर रही है। अभी वह इंजरी से उबरी है। लेकिन मेरी बेटी के साथ जो कुछ हुआ वो ठीक नहीं हुआ। मुझे और मेरी बेटी को न्याय मिलना चाहिए। ये स्पोटर्स का मामला नहीं है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

घटनाक्रम सामने आने के बाद मेरे ऊपर बहुत दबाव था, लेकिन खाप ने मेरा और परिवार का साथ दिया। अब जो भी निर्णय खाप लेगी, वो मुझे भी मंजूर है। मैं तो बस इतना कहना चाहता हूं कि मंत्री के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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