हरियाणवी बोली में अपनी पहली ग़ज़ल लिखने वाले करनाल के डॉ. देवेंद्र काफिर आज बॉलीवुड में किसी पहचान के मोहताज नहीं है। देवेंद्र के गीतों को शान, लखविंदर वडाली, अरिजीत सिंह और कैलाश खेर जैसे बॉलीवुड के मशहूर गायकों ने आवाज दी है। गजल से गीत लिखने की कला ने न सिर्फ देवेंद्र को एक मुकाम पर पहुंचाया, बल्कि बॉलीवुड में करनाल शहर के नाम को चमकाया है। प्रसिद्ध कॉमेडियन कपिल शर्मा की मूवी फिरंगी के लिए 4 गाने लिखे हैं। इसके अलावा पवित्र रिश्ता, बंदिनी, तेरे नाम से, जैसे TV सीरियल के लिए टाइटल सॉन्ग भी लिखे है।

डॉ. देवेंद्र काफिर ने 15 वर्ष पूर्व गजलों से गीतों का यह सफर शुरू किया था। मुशायरों में जाकर मुशायरे पढ़ने शुरू किए। फिर बॉलीवुड में किस्मत आजमाने चले गए। शुरुआत में देवेंद्र ने कई एल्बम की, जिनमें भक्ति गीतों की हिंदी और पंजाबी की शामिल रही।

जानकारी देते देवेंद्र काफिर।
जानकारी देते देवेंद्र काफिर।

पाकिस्तानी TV सीरियल के लिए पहला टाइटल सॉन्ग

फिल्मों में गीत लिखने से पहले उन्होंने करियर की शुरुआत सीरियल से की। पाकिस्तान के ख्वाहिश सीरियल के लिए देवेंद्र ने पहला टाइटल सॉन्ग लिखा था। फिर यही से उनके लिए आगे के रास्ते खुलने शुरू हो गया। देवेंद्र ने एनडीटीवी पर आने वाले बंदिनी और कितनी मोहब्बत है, नामक सीरियल, पवित्र रिश्ता और तेरे नाम से सीरियल के टाइटल सॉन्ग भी लिखे। शोभा सोमनाथ के लिखे सीरियल के लिए उन्हें आईटा अवार्ड भी मिला है। इस प्रकार 30 से अधिक सीरियल में अब तक वह अपने मधुर गीतों का जलवा बिखेर चुके हैं।

कपिल शर्मा की मूवी के लिए लिखे चार गाने

धर्मा प्रोडक्शन के लिए अनेक फिल्मों में देवेंद्र ने टाइटल सॉन्ग और गीत लिखे हैं। मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा की मूवी फिरंगी के 4 गाने भी देवेंद्र काफिर द्वारा लिखे गए हैं। अभी हाल में उनकी लेटेस्ट एल्बम चांद रिलीज हुई है, जिसमें लखविंदर वडाली के लिए उन्होंने गीत लिखे हैं।

बॉलीवुड अभिनेताओं के साथ डॉ देवेंद्र की फाइल फोटो।
बॉलीवुड अभिनेताओं के साथ डॉ देवेंद्र की फाइल फोटो।

अच्छे गाने लिखना चाहता हूं: काफिर

डॉ. देवेंद्र काफिर बताते है कि वे बस गाने लिखना चाहते हैं और अच्छे गाने लिखने की तमन्ना उनके मन में है। ज्यादा गाने नहीं बल्कि अच्छे गाने लिखना चाहते हैं। फिल्मों और एल्बम्स मे आजकल दिखाई जाने वाली फूहड़ता, ड्रग और गन कल्चर पर ‘काफिर’ कहते है कि यह एक फैशन की तरह है जो आता है और चला जाता है। यह स्थायी नहीं होता न ही इस तरह के गीत संगीत को हम लोग परिवार के साथ सुनना चाहते हैं। लोक कला से और संस्कृति से जुड़े कर्णप्रिय गीत संगीत हमेशा रहते हैं।

फिल्मों में देखी हरियाणवी संस्कृति

​​​​​​​देवेंद्र बताते है कि हरियाणवी संस्कृति का उभार फिल्मों और गीतों में देखने को मिल रहा है। अभी यह और आगे जाएगा। काफी युवा अच्छे गाने और संगीत दे रहे हैं जो काफी मशहूर हुए हैं। अगर मुझे मौका मिला तो मैं भी इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा। मेरी इच्छा है कि हरियाणा में गीत संगीत और फिल्म आगे बढ़े तथा इसका विकास हो।

आज से पहले हरियाणवी बोली और संस्कृति को बाहर अक्खड़ टाइप का माना जाता था जो अब धीरे धीरे बदल रहा है। लोगों को हरियाणवी बोली और हरियाणवी संस्कृति पसन्द आ रही ही है। यही कारण है कि आज बॉलीवुड में हरियाणा और हरियाणवी बोली की छाप काफी दिखाई दे रही है।

अपने भाई के साथ बैठे डॉक्टर देवेंद्र।

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