-श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य समिति द्वारा संगोष्ठी, दीक्षा एवं पादुका दर्शन कार्यक्रम आयोजित
-256 भक्तों ने ली शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से दीक्षा
कुरुक्षेत्र, 30 नवंबर : श्रीमज्जगद्गुरु पुरी शंकराचार्य स्वागत समिति कुरुक्षेत्र द्वारा बुधवार को ढांड रोड स्थित शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के प्रवास दौरान संगोष्ठी, दीक्षा एवं पादुका दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम संयोजक धर्मपाल टाया और सह-संयोजक राम सिंह कौल ने बताया कि आज कार्यक्रम के प्रथम सत्र के दौरान 256 भक्तों ने दीक्षा ली और अनेक जिज्ञासुओं ने शंकराचार्य जी से प्रश्नोत्तरी द्वारा सत्य सनातन धर्म और अखंड हिंदु राष्ट्र संबंधी अपना ज्ञानवर्धन किया। पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभारी एवं आदित्य वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद झा ने सभी पिछले अधिवेशनों सहित आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में शहर की कई धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शंकराचार्य जी का शंखनाद, स्वस्तिवाचन और फूलमालाओं से स्वागत एवं अभिनंदन किया। प्रेमचंद झा ने बताया कि लगभग 2500 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र में आदि शंकराचार्य जी के चरण कमल पड़े थे उन्हीं चरण पादुकाओं का दर्शन भक्तों को करवाया गया। संगोष्ठी के दौरान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सनातन धर्म अपने हिंदु धर्म के वैकल्पिक नाम स भी जाना जाता है। वैदिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप के धर्म हेतु सनातन धर्म नाम मिलता है जिसका अर्थ है शाश्वत व सदा बना रहने वाला। इस धर्म का ना आदि है ना अंत। सनातन धर्म मूलतः भारतीय धर्म है जो किसी समय संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप तक व्याप्त रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से इस धर्म में हुए भारी धर्मांतरण के उपरांत भी विश्व के इस क्षेत्र की बहुसंख्यक जनसंख्या सनातन धर्म में आस्था रखती है। संगोष्ठी एवं दीक्षा कार्यक्रम में संत जनार्दन दास, संत रघुबीर दास त्यागी, कार्यक्रम संयोजक धर्मपाल टाया, सहसंयोजक राम सिंह कौल, रामचंद्र सैनी, हर्ष सिंगला, नंगली कुटिया से महात्मा दिव्यानंद महाराज, कथावाचक अनिल शास्त्री, राष्ट्रीय हिंदु संगठन कुरुक्षेत्र के जिला विस्तारक मनोज भारद्वाज, प्रचार प्रसार प्रमुख विपिन धीमान,बंसी वत्स, गुरनाम सैनी, आर डी शर्मा, अलकेश मौदगिल, रघुवीर सिंह कादयान, अजमेर कालखा, हाकम चौधरी, लाल चंद वाल्मीकि, जागीर सिंह, अनिल गजवानी अभिनव टाया, मनीष पाबला, रामचंद्र सैनी, नरेंद्र चौधरी, राज अरोड़ा, सचिन गाबा और शेखर अरोड़ा सहित अन्य शामिल रहे।

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