कुरुक्षेत्र, 16 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में 12 नवंबर से 18 तक उच्च शिक्षा विभाग हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में आजादी आंदोलन विषय पर राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ आनंद केे निर्देशन में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर के पांचवें दिन की शुरुआत योग व ध्यान के साथ की गई। शिविर में शामिल स्वयंसेविका पंजाबी योगिता ने सभी को ध्यान की विभिन्न क्रियाएं कराकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार स्वयंसेवकों में किया। प्रातः कालीन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा तथा वक्ता के रूप में हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर सतबीर सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव
डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का नाम सामुदायिक सेवा में सबसे ऊपर आता है। इसका प्रमाण हमें कोरोना महामारी के दौर में मिल चुका है। राष्ट्रीय एकता शिविर में विभिन्न प्रांतों को आपस में एक दूसरों की संस्कृति व सभ्याचार को जानने व समझने का स्वर्णिम अवसर मिलता है । शिविर में प्राप्त ज्ञान को व्यवहारिक जीवन में अपनाने की जरूरत है। डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों में सामाजिक, नैतिक एवं मानवीय मूल्यों का सृजन कर उन्हें जीवन से ही राष्ट्र सेवा एवं समाज सेवा जैसे गुणों का विकास करती है।
मुख्य वक्ता इंस्पेक्टर सतबीर सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना ही नहीं होती बल्कि मानसिक परेशानी का शिकार भी हम होते हैं। प्रतिवर्ष लगभग हम 1लाख55 हजार युवाओं को सड़क दुर्घटना में खो देते हैं। उन्होंने सभी को समझाते हुए बताया कि वाहन चलाते हुए हमें सभी नियमों का पालन करना चाहिए। नशा का सेवन करके या मोबाइल का प्रयोग करते समय वाहन चलाना घातक सिद्ध होता है ,इसके साथ ही उन्होंने साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि यदि हमारे साथ इस प्रकार की दुर्घटना होती है, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।
प्रातः कालीन सत्र की शुरुआत जागरूकता रैली का आयोजन कर किया गया। सभी कार्यक्रम अधिकारी व स्वयं सेवकों ,/सेविकाओं ने स्वच्छ भारत अभियान, फिट इंडिया, पोषण अभियान, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, मेक इन इंडिया आदि विषयों पर आधारित पोस्टर व स्लोगनो के साथ नारे लगाते हुए सामुदायिक केंद्र से रैली शुरू की गई। रैली विश्वविद्यालय में सभी को जागरुक करती हुई धरोहर संग्रहालय पहुंची तत्पश्चात सभी धरोहर संग्रहालय का भ्रमण किया विभिन्न प्रांतों से आए कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयं सेवकों ने धरोहर के अंदर समाई हरियाणवी लोक संस्कृति और विरासत को बड़े ही उत्सकतापूर्वक देखा और समझा
सायंकाल कालीन सत्र में डॉ. दिनेश ने स्वयंसेवकों स्वयं सेविकाओं को बताया कि वास्तव में युवा वर्ग वह है, जो कुछ कर दिखाने का जज्बा जिसमें मौजूद होता है, राष्ट्रीय सेवा योजना का मोटो नोट बट यू सभी को अपने अस्तित्व की पहचान अपने देशवासियों के साथ जोड़कर देखना सिखाता है । आज हमें प्रांतीय पहचान को बुलाकर हिंदुस्तानी बनने की जरूरत है, राष्ट्रीय एकता शिविर हमें संवेदनशीलता के साथ सभी को साथ लेकर चलना सिखाता है।
अंतिम चरण में सभी को दादा लख्मीचंद के जीवन पर आधारित हरियाणवी फिल्म दिखाई गई । इस फिल्म के माध्यम से सभी ने अच्छे कवि और गायन कला में निपुण हरियाणा के शेक्सपियर और सूर्य कवि कहे जाने वाले लख्मी चंद को वास्तव में जाना। इसके बाद सभी ने वापस आकर मंच पर वाणी प्रशिक्षण के माध्यम से अपने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम संयोजक डॉ आनंद कुमार ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। दिन के अंत में सह कार्यक्रम संयोजक नीरज बातिश ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।शिविर में डॉ जिमी शर्मा, डॉ संदीप,डॉ वीर विकास, डॉ सिद्धांत, डॉ पदमजा, डॉ नीलम, डॉ धरूसा, डॉ जय भगवान, डॉ सपना , डॉ दीप्ति चौधरी, डॉ राजकमल, डॉ श्वेता ठाकुर, डॉ प्रकाश बाबू, आदि कार्यक्रम अधिकारियों के साथ रिचा, सोनम, सुमित, सज्जन, इंदु, खुशबू , रोहित, रविकांत, प्रवेश, पूनम आदि स्वयं सेवकों के साथ 220 स्वयं सेवक मौजूद रहे।