कुरुक्षेत्र, 22 अक्टूबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा रत्नावली राज्य स्तरीय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन 28 से 31 अक्टूबर 2022 तक किया जा रहा है। रत्नावली समारोह का उद्घाटन हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय करेंगे। इस अवसर पर लोकसभा सांसद कुरुक्षेत्र नायब सिंह सैनी, थानेसर विधायक सुभाष सुधा तथा विख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सतीश कौशिक एवं कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की विशिष्ट एवं गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। यह जानकारी विश्वविद्यालय लोक सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने दी।
उन्होंने बताया कि रत्नावली समारोह हरियाणा की लोक संस्कृति का ऐसा समागम है जिसमें विशुद्ध रूप से हरियाणवी संस्कृति को केंद्रित कर हरियाणा की लोक परम्पराओं से जुड़ी विधाओं को मंच दिया गया है। रत्नावली में छह मुख्य मंच बनाए जाएंगे, जिस पर लोक कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। ओपन एयर थियेटर में सोलो डांस, रागनी कंपटीशन, हरियाणवी चुटकला प्रतियोगिता, ग्रुप सांग हरियाणवी और लोक कलाकारों द्वारा रागनी कंपटीशन का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ऑडिटोरियम में हरियाणा के रीति-रिवाज, पॉप सांग, हरियाणवी कोरियोग्राफी, सोलो डांस, हरियाणा के लोक परिधान, हरियाणवी फैशन शो, हरियाणवी आर्केस्ट्रा, हरियाणवी चौपाल, ग्रुप डांस रसिया, हास्य कवि सम्मेलन, गजेंद्र फोगाट की सांस्कृतिक संध्या, लोक गायकी की संगीत संध्या, ग्रुप डांस हरियाणवी का आयोजन किया जाएगा। आर.के. सदन के मंच पर हरियाणवी भजन, ड्यूट रागनी, हरियाणवी लोकगीत, हरियाणवी गजल, मोनो एक्टिंग, हरियाणा फॉक इंस्ट्रूमेंटल सोलो, हरियाणवी वन एक्ट प्ले का आयोजन किया जाएगा।
युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह ने बताया कि सीनेट हॉल में हरियाणवी भाषण, पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता, हरियाणवी प्रश्नोत्तरी, हरियाणवी लोकजीवन पर बनी लघु फिल्म, हरियाणवी कविता तथा हरियाणवी लोकजीवन पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही खुला मंच पर सांग प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिसमें हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से छात्रों की टीमें सांग की प्रस्तुति करेंगे।
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लुप्त हो रहे हरियाणवी गीतों का आश्रय बनेगा हरियाणवी लोकरंग मंच
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रत्नावली समारोह में इस वर्ष हरियाणवी संस्कृति को लोक पारंपरिक स्वरूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए खुला मंच ऊपरी मैदान में चित्रकला प्रदर्शनी के सामने हरियाणवी लोकरंग मंच पहली बार स्थापित किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के लुप्त हो रहे गीतों को आश्रय प्रदान किया जाएगा। वहां पर गांव की महिलाएं हरियाणवी गीतों को गाकर उनकी महत्ता पर प्रकाश डालेंगी और इसके साथ ही युवा पीढ़ी को लोकगीतों की मिठास तथा लोक पारंपरिक संस्कृति एवं संस्कारों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस मंच का प्रयोग पहली बार युवाओं को लोक सांस्कृतिक परम्पराओं एवं संस्कारों से जोड़ने के लिए किया जा रहा है। इस मंच पर 10 से अधिक ग्रामीण महिलाएं लोक परिधानों में हरियाणवी भजन, गीत, लोक पारंपरिक नृत्य मंच पर प्रस्तुत करेंगी।
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लुप्त हो रहे हरियाणवी गीतों का आश्रय बनेगा हरियाणवी लोकरंग मंच
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय रत्नावली समारोह में इस वर्ष हरियाणवी संस्कृति को लोक पारंपरिक स्वरूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए खुला मंच ऊपरी मैदान में चित्रकला प्रदर्शनी के सामने हरियाणवी लोकरंग मंच पहली बार स्थापित किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के लुप्त हो रहे गीतों को आश्रय प्रदान किया जाएगा। वहां पर गांव की महिलाएं हरियाणवी गीतों को गाकर उनकी महत्ता पर प्रकाश डालेंगी और इसके साथ ही युवा पीढ़ी को लोकगीतों की मिठास तथा लोक पारंपरिक संस्कृति एवं संस्कारों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस मंच का प्रयोग पहली बार युवाओं को लोक सांस्कृतिक परम्पराओं एवं संस्कारों से जोड़ने के लिए किया जा रहा है। इस मंच पर 10 से अधिक ग्रामीण महिलाएं लोक परिधानों में हरियाणवी भजन, गीत, लोक पारंपरिक नृत्य मंच पर प्रस्तुत करेंगी।