700 से अधिक विद्यार्थियो के बैठने की सुविधा
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महाकाव्य रामायण की नृत्य नाटिका से हुई ओपन एयर थिएटर ‘ज़ेनजिन’ की शुरुआत
कुरूक्षेत्र, 21 अक्तूबर।
शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कुरुक्षेत्र के विज़डम वर्ल्ड स्कूल की असंख्य उपलब्धियों में एक और उपलब्धि शामिल हो गई है। ये उपलब्धि है प्रदेशभर का पहला ऐसा विद्यालय होना जिसमें विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उनकी छिपी हुई प्रतिभा को पूरे आत्मविश्वास के साथ सबके सामने लाने हेतु ओपन एयर थिएटर की शुरूआत हो चुकी है। जी हां, विज़डम वर्ल्ड स्कूल ने विद्यालय में परिसर में ‘ज़ेनजिन एंफीथियेटर’ की शुरुआत कर दी है। इस थिएटर की शुरुआत आज विधिवत रूप से विद्यालय के चेयरमैन एवं जापान की कंपनी मेरीटेक के संस्थापक हरीश सचदेवा के कर कमलों से की गई। थिएटर की शुरुआत के साथ ही दीपावली के पावन अवसर पर विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों द्वारा मंचित महाकाव्य रामायण की नृत्य नाटिका का भी मंचन किया गया जिसे ना केवल इस ओपन एयर थिएटर में बैठे 700 से अधिक विद्यार्थियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहा बल्कि कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों ने भी मुक्त कंठ से ना केवल इस थिएटर की बल्कि विद्यार्थियों की प्रतिभा की जमकर सराहना की।
प्राचार्या संगीता बहल ने बताया कि विज़डम वर्ल्ड स्कूल शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में लगातार एक से बढक़र एक उपलब्धियां हासिल करता आ रहा है। ऐसे में विद्यालय परिसर में इस ओपन एयर थिएटर की शुरुआत होने से ना केवल विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को खुलकर सबके सामने लाने का अवसर मिलेगा बल्कि भविष्य में विज़डम वर्ल्ड स्कूल से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ अपने छिपी हुई प्रतिभा की भी पूरे आत्मविश्वास के साथ सबके सामने प्रदर्शित करने में सक्षम होंगे।
इस अवसर पर विज़डम वर्ल्ड स्कूल के निदेशक विनोद रावल, अनीता रावल, प्राचार्य संगीता बहल, पूनम रावल, प्रोफेसर एस.पी. सिंह, पी.सिंह, डॉ. ए.सी. नागपाल, सुरिंदर ढींगरा, कमलकांत अग्रवाल, सौरभ चौधरी, राजेंद्र वर्मा, विशाल मदान, विजय बजाज, नवनीत बहल, राजीव रावल आदि मौजूद रहे।
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किसी स्कूल में स्थापित होने वाला प्रदेश का पहला ओपन एयर थिएटर
विज़डम वर्ल्ड स्कूल में स्कूल में स्थापित ‘ज़ेनजिन एंफीथियेटर’ प्रदेश का पहला ऐसा ओपन एयर थिएटर है जो प्रदेश के किसी स्कूल में स्थापित किया है। इस ओपन एयर थिएटर में 700 से अधिक विद्यार्थी बैठ सकते हैं। विद्यालय में इस क्षेत्र की शुरुआत होने से थिएटर में रुचि रखने वाले विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को विद्यालय परिसर में ही रहकर निखार सकेंगे।