करनाल, 5 अगस्त। उपायुक्त उत्तम सिंह ने निर्देश दिये हैं कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन लि.(आईओसीएल) द्वारा खरीदी जाने वाली पराली का रेट तय करने के लिये जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ)की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाये। इसमें कृषि व किसान कल्याण विभाग, आईओसीएल, कस्टम हायरिंग सेंटर(सीएचसी), इंडस्ट्री के साथ-साथ किसान प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाये।
उपायुक्त आज यहां जिला सचिवालय में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गठित कमेटी किसानों द्वारा किराये पर ली जाने वाली मशीनरी का रेट भी तय करेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को फसल कटाई के लिये समय पर कृषि यंत्र उपलब्ध हो सकें, इसके लिये कोई एप अथवा पोर्टल बनाय जाये ताकि उसके माध्यम से किसान बुकिंग करा सकें।
बैठक में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर पिछले साल उठाये गये कदमों की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि गत वर्ष 8 लाख 50 हजार पुआल का उत्पादन हुआ जिसमें से एक लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति आईओसीएल को 2 जी ईथनॉल प्लांट के लिये दी गई। इस बार भी आईओसीएल को इतनी ही पराली आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि 4 अगस्त तक सुपरसीडर, बेलर, कटर, हेरैक मशीनों के लिये 1800 किसानों ने आवेदन किया है। यदि सरकार द्वारा तय लक्ष्य से अधिक आवेदन पाये गये तो ड्रा निकाला जायेगा। इन पर सरकार की ओर से 50 फीसदी सबसिडी का प्रावधान है। कृषि उपनिदेशक वजीर सिंह ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस बार भी किसानों को पराली न जलाने के लिये जागरूक किया जायेगा। इसके लिये गांव, ब्लाक व जिला स्तर पर जागरूकता शिविर लगाये जायेंगे। स्कूल-कालेजों में भी विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। इसके अलावा दीवार लेखन, बैनर, होर्डिंग्स आदि के माध्यम से जागरूक किया जायेगा।
बैठक में आईओसीएल के कार्यकारी निदेशक(एसडी) प्रवीण डोंगरे, कृषि उपनिदेशक वजीर सिंह, कासवी बॉयोफ्यूल प्रा. लि. के निदेश सचिन वाधवा व वंश अरोड़ा, डेलॉयट के सलाहकार प्रकाश झा, नाबार्ड के एजीएम हिमांशु, एलडीएम सुशील, एसडीएओ डा. दिनेश कुमार, हरियाणा लिक्कर प्रा. लि. के मैनेजर कर्णदीप सिंह, विज्ञानी, डा. किरण कुमारी, किसान राजेश आदि ने भाग लिया।