हरियाणा के CM मनोहर लाल आपातकाल में संघ के स्वयंसेवक बने। सीएम ने संघ से जुड़ने का खुलासा करते हुए कहा कि उनके जीवन की दिशा बदलने में स्व. अशोक सिंघल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि स्व. सिंघल 1977 से लेकर 1981 तक हरियाणा के संघ के प्रांत प्रचारक थे। इस दौरान लगे आपातकाल के कारण 1977 में संघ का स्वयंसेवक बन पाए।
आपातकाल की पीड़ा बताई
हरियाणा के सीएम ने बताया कि उस समय आपातकाल की पीड़ा या जिज्ञासावश बहुत से लोग संघ के नजदीक आए और संगठन को मजबूती मिली। उन्होंने बताया कि संघ की शाखाओं में जाते हुए जब भी कभी उनके मन में प्रश्न खड़े होते थे तो उनका समाधान प्राप्त करने के लिए वे स्व. सिंघल के पास चले जाते थे। उन्होंने कहा अशोक सिंघल बहुत शिक्षित व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन संघ में लगा दिया।
वेद का किया गुणगान
गुरुग्राम के अशोक सिंघल वेद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान संगोष्ठी के दौरान सीएम ने वेद का खूब गुणगान किया। उन्होंने कहा कि वेद विषय पर हमने कई अहम कदम उठाएं हैं जिनमें यह शोध केंद्र स्थापित करने, वेद विश्वविद्यालय के लिए जमीन खरीदने, महर्षि वाल्मीकि के नाम पर कैथल में संस्कृत विश्वविद्यालय शुरू करना, माता मनसा देवी मंदिर परिसर में गुरुकुल शुरू करना, संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना आदि शामिल हैं।
विहिप संरक्षक की तारीफ की
कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल ने विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह स्व. सिंघल के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संचालक पवन जिंदल, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र, महेश भागचंद, हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री सहित संस्कृत के विद्वान और वेदों के ज्ञाता उपस्थित थे।
विद्वानों से पूछे सवालों के जवाब
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोष्ठी में भाषण देने की बजाय उनके मन में उठने वाले प्रश्न रखे, जिनका समाधान ढूंढने के लिए वहां मौजूद विद्वानों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान शिक्षा पद्धति पश्चिमी शिक्षा के हिसाब से आगे बढ़ रही है। यदि हम इसे बदलना चाहते हैं तो केवल अपनी पद्धति को श्रेष्ठ बताने से यह काम नहीं होगा बल्कि हमें आज की वर्तमान पद्धति के साथ एक-एक विषय की तुलना करनी होगी।