करनाल, 25 जुलाई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन चंद्रशेखर और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव डॉ सविता कुमारी ने नारी निकेतन में रहने वाली महिला /कैदियों को दी जा रही सुविधाओं की जांच के लिए नारी निकेतन करनाल का दौरा किया।
उन्होंने महिलाओं के साथ बातचीत की और उन्हें कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत उनके अधिकारों के बारे में भी जागरूक किया। अधीक्षक को कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी स्थापित / प्रदर्शित करने का भी निर्देश दिया गया, ताकि महिलाओं को कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत बनाए गए नियम और कानून निर्धारित उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराया जा सके। उन्होंने नारी निकेतन में महिलाओं को दिए जाने वाले भोजन को भी जांचा और परखा और उनसे किसी भी तरह की असुविधा के बारे में पूछा।
उन्होंने अधिकारी को विशेष रूप से उन महिलाओं को विभिन्न कानूनी सहायता योजनाओं और ऐसी सेवाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया आदि के बारे में अवगत कराया। महिला न्याय अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के अस्तित्व और महिलाओं के कल्याण के तहत गठित समितियों के अस्तित्व के बारे में भी अवगत कराया। उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल की कार्यप्रणाली से भी अवगत कराया। उन्होंने आफिसर को निर्देशित किया कि नारी निकेतन और निरीक्षण गृह के आसपास साफ-सफाई रखें।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर ने वहां पर रह रही महिलाओं से बातचीत कर उनको होने वाली किसी असुविधा के बारे में पूछा जिस पर महिलाओं ने कहा कि हमें यहां पर किसी भी तरह की कोई असुविधा नहीं हो रही है।