किसानों को मौसम केंद्र से मिल पाएगी मौसम से संबंधित हर प्रकार की जानकारी, सरकार के पास भेजा फल केंद्र को अपग्रेड करने का प्रस्ताव, केंद्र के अपग्रेडशन पर खर्च होगा 2 करोड़ का बजट, इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत स्थापित किया गया है उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र
कुरुक्षेत्र 19 जुलाई हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, इस क्षेत्र के किसानों को आने वाले कुछ समय में लाडवा के उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र से मौसम से संबंधित तमाम जानकारियां मिल पाएंगी। इस क्षेत्र के किसानों के हित को जहन में रखते हुए हरियाणा बागवानी विभाग की तरफ से लाडवा सब ट्रोपिकल फ्रूट सेंटर में आधुनिक वेदर सेंटर को स्थापित करने की परियोजना तैयार की है। इस परियोजना को अंतिम अनुमति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। अहम पहलू यह है कि लाडवा फल केंद्र को अपग्रेड किया जा रहा है।
राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा बागवानी विभाग की तरफ से लाडवा में उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र स्थापित किया गया है। इस फल केंद्र में आम की 28 किस्में, अमरुद की 4, नाशपति की 7, आड़ू की 6, आलूबुखारा की 2, अनार की 4, जैतून की 5 की अलग-अलग किस्मों को तैयार किया जा रहा है। यह फल केंद्र इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत लगाया गया है। यह लगभग 29 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें प्रशासनिक खंड, प्रयोगशाला, नेट हाउस, प्रदर्शन प्लांट स्थापित किए गए है और इस फल केंद्र में पिछले कई सालों से आम उत्सव जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और आज यह फल केंद्र किसानों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। इस केंद्र से हरियाणा ही नहीं आसपास के राज्यों के हजारों किसान जुड़े हुए है। इस केंद्र को इंडो-इजरायल प्रोजेक्ट के तहत 6 वर्ष पूर्व स्थापित किया था और सरकार के मापदंडों के अनुसार निर्धारित 6 वर्ष की अवधि के बाद इस सेंटर को अब अपग्रेड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस सेंटर को जब अपग्रेड किया जाएगा, तब इस सेंटर में आधुनिक मौसम केंद्र भी स्थापित किया जाएगा तथा प्रशासनिक ब्लॉक का भी नवीनीकरण किया जाएगा। इसमें कार्यालय, हॉस्टल और अन्य कई जरुरी कक्ष स्थापित किए जाएंगे। इस परियोजना पर करीब 2 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। इस परियोजना को प्रदेश सरकार की तरफ से अंतिम अनुमति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। इस सेंटर के अपग्रेड होने के बाद किसानों को मौसम से संबंधित तमाम जानकारियां मिल पाएंगी और किसान मौसम की जानकारी लेने के बाद फसल की सिंचाई सहजता से कर पाएंगे। यहां से जानकारी मिलने के बाद किसान खेतों में पानी देने का शेडयूल निर्धारित कर सकता है और ओलावृष्टिï होने की जानकारी भी किसानों को समय रहते इस केंद्र के माध्यम से मिल पाएगी। इस क्षेत्र में यह पहला मौसम केंद्र होगा जो किसानों को फसलों के रखरखाव के बारे में अपडेट करता रहेगा।
राज्यमंत्री ने कहा कि मौसम स्टेशन के माध्यम से मौसम के पूर्वानुमान के लिए जानकारी मिलती है। इससे मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए उपकरणों के माध्यम से वायुमंडलीय स्थितियों को मापा जाता है, जिसमें तापमान, वायुमंडलीय दबाव, आद्र्रता, हवा की गति, हवा की दिशा और वर्षा की मात्रा शामिल हैं। हवा के माप को यथासंभव कम अन्य अवरोधों के साथ लिया जाता है, जबकि तापमान और आद्र्रता के माप को प्रत्यक्ष सौर विकिरण, या सूर्यातप से मुक्त रखा जाता है। मैनुअल अवलोकन दिन में कम से कम एक बार किया जाता है, जबकि स्वचालित माप कम से कम एक घंटे में एक बार किया जाता है।