करनाल/महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र अंजनथली में बागवानी फसलों की उत्पादन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के कुशल नेतृत्व में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण शिविर में 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसानों ने एमएचयू के वैज्ञानिकों से बागवानी फसलों से सम्बधित कई प्रश्न पूछे, जिनके बारे में वैज्ञानिकों ने बखूबी जवाब दिए।
एमएचयू के अनुसंधान निदेशक व बागवानी महाविद्यालय के डीन प्रो. रमेश गोयल ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एमएचयू की स्थापना किसानों तक नई तकनीक, उन्नत किस्मों के बीज ओर बागवानी खेती से सम्बधित समस्याओं को दूर करने के लिए हुई हैं ताकि किसानों की आमदनी में इजाफा हो। उन्होंने कहा कि बागवानी फसलें काफी मूल्यावान होती है, किसान भाई अगर परपरांगत खेती को छोडक़र बागवानी खेती की ओर आगे बढ़ेगा तो उसे यकीकन फायदा होगा। लेकिन बागवानी खेती करने से पहले किसान भाईयों को एमएचयू के वैज्ञानिकों से पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए ताकि उन्हें खेती करने के दौरान कोई परेशानी पेश न आए। उन्होंने कहा कि किसान भाईयों को पता होना चाहिए कि किस मौसम में किस फसल को लगाना चाहिए, उसकी देखभाल किस तरह से वैज्ञानिक तरीकों से कम करनी चाहिए। इसी दिशा में शनिवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है।
एमएचयू के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके अरोड़ा ने किसानों को विभिन्न सब्जियों की खेती के बारे में जानकारी दी। डॉ. बिजेंद्र ने किसानों को फलों की खेती के बारे में जागरूक किया ओर खेती से सम्बधित पूरी जानकारी से अवगत कराया। इसी तरह डॉ सोनिया ने किसान भाईयों को फूलों की खेती किस मौसम में किस तरह से करनी चाहिए, इस बारे में जानकारी दी। फार्म मैनेजर विक्रम सिंह ने किसानों को बताया कि वे किस प्रकार अनुसंधान केंद्र से जुडक़र फायदा उठा सकते है। उन्होंने किसानों को बाग लगाने के बारे में बताया। मौके पर सरकार के अधिकारियों सहित विश्वविद्यालय का स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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