करनाल, 3 जुलाई। घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण ने पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियों में बढ़ोतरी किए जाने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह का आभार प्रकट किया और पंचायत प्रतिनिधियों को मिली सौगात के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि नि:संदेह अब ग्रामीण विकास की गति और तेज होगी तथा लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़े विकास कार्य पूरे होंगे।
बॉक्स: राज्य सरकार सरपंचों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी: हरविंद्र कल्याण
विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि आज इस राज्य स्तरीय सम्मेलन के माध्यम से सरपंचों को विकास कार्यों के लिए विभिन्न शक्तियां प्रदान की जा रही हैं। जो कठिनाइयां सरपंचों के सामने आ रही थीं आज उनका समाधान होने जा रहा है। उन्होंने सरपंचों को आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की यह समस्त टीम आने वाले दिनों में हरियाणा का नक्शा बदलने का काम करेगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य सरकार का साथ देते हुए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
बॉक्स: अब सरपंच ई-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य अपनी ग्राम पंचायतों में करवा सकेंगे: विधायक
विधायक हरविंद्र कल्याण नेे कहा कि अब सरपंच ई-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य अपनी ग्राम पंचायतों में करवा सकेंगे। इससे पहले यह लिमिट 5 लाख रुपए थी। इसके साथ ही सरपंचों को टीए/डीए देने का भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की है। इतना ही नहीं अब सरपंच ग्राम पंचायतों के कार्यों के लिए अपनी गाड़ी या टैक्सी से यात्रा करने पर 16 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा खर्च क्लेम कर सकेंगे। इतना ही नहीं, टीए/डीए क्लेम करने के बिल का अनुमोदन भी बीडीपीओ के स्तर पर ही हो जाएगा।
बॉक्स: स्वतंत्रता/गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम के लिए पंचायत फंड से खर्च की सीमा बढ़ाकर की 30,000 रूपए: कल्याण
विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत द्वारा गांव में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर किए जाने वाले आयोजन व किसी विशिष्ट अधिकारी या मंत्री के गांव में आगमन पर किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए पंचायत फंड से खर्च की सीमा को 3000 रूपए से बढ़ाकर 30,000 रूपए करने की घोषणा की। इसी प्रकार, राष्ट्रीय ध्वज खरीदने या राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने इत्यादि पर खर्च की सीमा को 500 रूपए से बढक़र 5000 रूपए करने का भी ऐलान किया।