केक काटकर और ईश्वरीय प्रसाद देकर मनाया अलौकिक जन्मोत्सव
कुरुक्षेत्र, 30 जून।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में राजयोगिनी सरोज दीदी का 36वां स्वर्णिम जन्म दिन प्रातः कालीन मुरली क्लास के बाद धूमधाम से मनाया गया। राजयोगिनी सरोज दीदी ईश्वरीय सेवा में 36 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने भौतिकता वादी संसार के सब सुख सुविधाओं को त्याग कर मर्यादित विश्व कल्याण के जीवन को अपना कर नारी शक्ति का गौरव बढ़ाया। इस दौरान सभी बीके भाई-बहन उन्हें अपनी शुभकामनाएं देने पहुंचे। मंच संचालन करते हुए बी.के शालू  बहन ने बताया कि दिव्यता की मूर्ति, करुणा, दया, सहनशीलता, त्याग, तपस्या, संतुष्टता, विनम्रता, कोमलता, सादा जीवन उच्च विचार आदि न जाने कितने गुणों की भंडार ऐसी अलौकिक आत्मा का जन्म लुधियाना की पावन भूमि पर मुंशी राम जी के घर हुआ। लौकिक में बहनों और एक भाई का अंग संग होने पर भी उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन प्रभु को अर्पित कर दिया। बचपन में उनके लौकिक माता-पिता ज्ञान में चलते थे। उन्हीं के संस्कारों से पोषित पल्लवित होकर अपने जीवन को दिव्य बना दिया। उन्होंने बताया कि 1989 में लौकिक परिवार से अलौकिक परिवार में आई। माउंट आबू में ट्रेनिंग लेकर अहमदाबाद, अमृतसर, जम्मू, सहारनपुर में सेवा का सफर तय करते हुए 1993 में कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में पिछले 31 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही है। शालू बहन ने बताया कि यह हमारा परम सौभाग्य है कि ऐसी महान विभूति का हमें मार्गदर्शन मिला है। उन्होंने जीवात्मा के 5 स्वरूप का अभ्यास करवाया और आत्मिक परिचय दिया। बीके राधा बहन ने कहा कि बहन जी का बहुत सरल चित्त और नम्र स्वभाव है, जो हम सब को प्रेरणा देता हैं। इस अलौकिक अवसर पर राजयोगिनी बीके सरोज बहन और राधा बहन ने केक काटा और सभी बहन भाइयों ने तालियों की गड़गड़ाहट से अपना उल्लास जाहिर किया।इस अवसर पर बी.के शिव कुमार भाई ने अपनी भावनाओं और प्यार को प्रतिबिंबित करने के लिए अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने बताया कि सरोज बहन को सदा सेवा की लगन लगी रहती है। वे सिवाय सेवा के किसी भी विषय में बात नहीं करते। उनके मार्गदर्शन में विश्व शांति धाम कुरुक्षेत्र में सेवा निरंतर बढ़ती जा रही है। कार्यक्रम को रमणीक बनाने के लिए गोरी और आदित्य ने डांस किया और सभी बहन भाइयों को भी नृत्य करने के लिए बाधित कर दिया। बच्चों ने हैप्पी बर्थडे टू यू गीत के साथ अपनी दुआएं दी। सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की और वातावरण को संगीतमय बना दिया। सभी  बहन भाइयों ने हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन का उद्देश्य सरोज दीदी के मुख मंडल और बात से उजागर होता है। आनंद, शांति, सौम्यता, चैन को पैदा करने के लिए अभ्यास चाहिए, परंतु बहन जी को तो यह प्राकृतिक रूप से वरदान में मिला हुआ है। बहन जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम सब भी बहन जी के वास्तविक रूप को जीवनशैली में अपना लें, तो हम भी धन्य हो जाएंगे, ऐसा बहन जी का व्यक्तित्व है। आध्यात्मिक गीतों की मधुर धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। ‌राजयोगिनी सरोज बहन ने सभी बीके भाई बहनों को अपने हाथों से ईश्वरीय प्रसाद देकर  कृतार्थ किया।

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