उनमें से भी एक 2 वर्ष और एक मात्र 2 सप्ताह के लिए बना मंत्री
सर्वाधिक निरंतर 10 वर्ष तक केंद्रीय मंत्री रहने का रिकॉर्ड कुमारी सैलजा के नाम
अम्बाला – 2 दिनों बाद मंगलवार 4 जून बाद दोपहर 18 वीं लोकसभा आम चुनाव में संपन्न कुल 7 चरणों के मतदान के
परिणामों की घोषणा के साथ ही
अंबाला ( अनुसूचित जाति – एससी आरक्षित) लोकसभा सीट को भी नया निर्वाचित सांसद मिल जाएगा.
सनद रहे कि गत एक वर्ष से अंबाला लोस सांसद का पद रिक्त है चूंकि गत वर्ष 18 मई 2023 को इस सीट से तत्कालीन भाजपा सांसद रतन लाल कटारिया का निधन हो गया था जिसके बाद पिछले एक वर्ष से रिक्त अंबाला लोस सीट रिक्त पर कानूनन आवश्यक होने बावजूद भारतीय चुनाव आयोग द्वारा प्रशासनिक या संभवतः राजनीतिक कारणों से उपचुनाव नहीं कराया गया.
इसी बीच शहर के सैक्टर 7 निवासी हाई कोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि इसे
अंबाला लोस सीट का एक प्रकार से दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि गत 72 वर्षों में अर्थात 1951-52 से जब देश में पहली लोकसभा के आम चुनाव हुए तब से आज तक अंबाला सीट से निर्वाचित केवल 3 सांसदों को ही केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में स्थान मिल सका है और उनमें से भी एक दो वर्ष के लिए और एक मात्र दो सप्ताह के लिए केंद्रीय मंत्री बन सका था.
चार वर्ष पूर्व 30 मई, 2019 को 17 वीं लोकसभा के आम चुनाव में अम्बाला लोस सीट से भाजपा के रतन लाल कटारिया, जो तब लगातार दूसरी बार और कुल तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए थे, को दूसरी मोदी सरकार के पहले शपथग्रहण में केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी और उन्हें केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों अर्थात
जल शक्ति मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में बतौर राज्यमंत्री बनाया गया था.
हालांकि 2 वर्ष बाद ही जुलाई, 2021 में कटारिया ने केंद्रीय राज्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था अथवा अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो मोदी सरकार द्वारा उनसे इस्तीफ़ा लेकर उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था.
हेमंत ने बताया कि अम्बाला लोकसभा सीट से भाजपा की वर्तमान प्रत्याशी दिवंगत रतन लाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो देवी कटारिया हैं जो
इसी माह 5 मई 2024 को 60 वर्ष आयु की हुईं हैं. उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार 44 वर्षीय वरूण चौधरी ( मुलाना) से है जो वर्तमान में अंबाला जिले के मुलाना विधानसभा हलके से विधायक है एवं जो हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश सरकार में मंत्री एवं 4 बार विधायक रह चुके फूल चंद मुलाना के सुपुत्र हैं.
बंतो कटारिया, जो लॉ ग्रेजुएट अर्थत एडवोकेट भी हैं को वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ) के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में बतौर गैर-सरकारी स्वतंत्र डायरेक्टर के रूप में मनोनीत किया गया था और उसके बाद गत वर्ष उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा पंचकूला स्थित माता मनसा देवी पूजास्थल बोर्ड में गैर-सरकारी सदस्य के तौर पर भी मनोनीत किया गया था. बंतो के पुत्र 39 वर्षीय चंद्रकांत कटारिया दिसंबर, 2019 में हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस ) में चयनित होकर राज्य सरकार में क्लास वन प्रशासनिक अधिकारी हैं. वर्तमान में वह हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिक विभाग में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर तैनात है.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि जहाँ तक अम्बाला लोस सीट से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किये सांसदों का प्रश्न है, तो वैसे तो 28 वर्ष पूर्व मई, 1996 में अम्बाला से चौथी बार सांसद बने भाजपा के सूरज भान को केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की पहली भाजपा सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्थात कैबिनेट रैंक का मंत्री बनाया गया था परन्तु वह सरकार 13 दिनों में ही गिर गई थी जिस कारण सूरज भान को दो सप्ताह का केन्द्रीय मंत्रीपद ही नसीब हुआ था.
हालांकि सूरज भान उसके बाद लोक सभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हो गए. इसके बार फरवरी, 1998 में हुए लोक सभा चुनावो में भान बसपा के अमन कुमार नागरा से हार गए और इस कारण यह वाजपेयी की अगली 13 महीनों की सरकार में मंत्री नहीं बन पाए. फिर 1999 लोक सभा चुनावो में उन्होने चुनाव नहीं लड़ा और अम्बाला से रतन लाल कटारिया पहली बार चुनाव जीते. हालांकि वाजपेयी सरकार ने सूरज भान को पहले उत्तर प्रदेश और फिर हिमाचल का राज्यपाल और बाद में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया था एवं वह 2006 में अपने देहांत तक इसी पद पर रहे.
मई, 2004 में अंबाला लोस सीट से सांसद निर्वाचित होने के बाद सैलजा को डा. मनमोहन सिंह की पहली यू.पी.ए.-1 सरकार में वर्ष 2004 -2009 तक केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. इसके बाद मई 2009 में यू.पी.ए. -2 सरकार के बनते ही उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट रैंक का मंत्री बना दिया था जहाँ वह मई, 2014 तक रहीं. इसी दौरान वह अप्रैल, 2014 में 6 वर्षों के लिए हरियाणा से राज्य सभा सांसद भी निर्वाचित हुई थीं. हेमंत ने बताया कि इस प्रकार सैलजा वर्ष 1991 से 2014 तक हर केंद्र में सत्तारूढ़ हर कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री के हर पद – उप मंत्री, राज्य मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं.