अंबाला, 20 अप्रैल, 2024: इद्रीश फाउंडेशन ने इस साल अपने प्रोजेक्ट केयर के तहत 27 बच्चों को अडॉप्ट किया है। यह पहल, जो शिक्षा में समर्पित समुदाय के साथ एक नई कड़ी को दर्शाती है, न केवल बच्चों के जीवन में एक उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाती है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है। जिसमें बच्चों को चाहे पूरे साल के लिए अडॉप्ट कर उसकी फीस देना हो या ड्रेस, किताबें, स्टेशनरी किट, छात्रवृत्ति प्रदान करवाना हो, शामिल है।
इस प्रोजेक्ट को नेहा परवीन इद्रीश फाउंडेशन की संस्थापिका ने 2017 में 5 बच्चों को दोस्तों की योगदानों को इकठ्ठा करके अडॉप्ट करने से शुरू किया था, जो अब 2024 में 27 बच्चों तक आ गया है, जिसमें अब समाज के जाने माने लोग और समाज सेवी संस्थाएं जुड़ रही हैं। जिसमें आभार फाउंडेशन, रोबिन जी, अतिशय जी, श्रेयसी जी, शिवांगी जी, राजनदीप कौर, राहुल जी, राजन जी, रजत कालरा जी, गुरदीप जी और इद्रीश फाउंडेशन के सभी सदस्य आपस में योगदान इकठ्ठा करते हैं जिससे बच्चों की फीस और सभी जरूरतों को पूरा किया जाता है।
अंबाला में अलग-अलग स्कूलों के बच्चों को इस प्रोजेक्ट में लिया गया है बता दें कि पहले बच्चों की जानकारी आती है वह कोई भी कहीं से भी कॉल कर देता है उसके बाद बच्चों का डेटा मांगवाया जाता है जिसमें बच्चों के एकेडेमिक अंक या प्रदर्शन को पहले देखा जाता है, फिर उसके घर जाकर उसकी काउंसलिंग होती है जिसमें इंडिविजुअल्स काउंसलिंग के साथ फैमिली काउंसलिंग भी होती है। जिसके बाद लीडरशिप टीम द्वारा सभी दस्तावेज़ को पूरा करके और फाइनलाइज़ करके बच्चों की सूची तैयार होती है और फिर पूरे साल इन बच्चों की देखभाल एक पैरेंट की तरह फाउंडेशन करती है जिसमें समय-समय पर बच्चों के स्कूल जाना, उनका डेटा लेना, उनकी जरूरतों को ध्यान में रखना शामिल है।
क्यों शुरू हुआ प्रोजेक्ट केयर ?
– हमारा मानना है कि एक अच्छा बच्चा जो पढ़ाई में अच्छा है अगर वह पिता के ना होने या घर की बहुत बुरी परिस्थितियों के कारण पढ़ाई छोड़ देगा तो उससे हमारे समाज का एक बड़ा नुकसान होगा, हम भविष्य के वैज्ञानिक, डॉक्टर, सी.ए. वकील या एक आइ ए एस ऑफिसर खो देंगे। हर बच्चे को आगे बढ़ने का हक है बस उसे सहारा चाहिए और इद्रीश फाउंडेशन वही सहारा बच्चों को देता है पूरी देखभाल के साथ।
इद्रीश फाउंडेशन के सभी सदस्य फाउंडेशन के सभी बच्चे चाहे वो ईवनिंग क्लास के हैं या फिर केयर के सभी को अपने बच्चे के समान समझते हैं इसलिए ही उनकी पूरी देखभाल कर पाते हैं।
इस साल तक प्रोजेक्ट ईवनिंग क्लास में 300 बच्चे हैं जो शाम को पढ़ाते हैं, वही प्रोजेक्ट केयर में 27 बच्चे अडॉप्ट किए गए हैं।
हमारा मकसद है कि हर एक बच्चा स्कूल जाए, कोई भी रुकावट उन्हें रोक ना पाए।