1999 में वरुण के पिता  फूलचंद मुलाना को हराकर  रतन लाल कटारिया निर्वाचित हुए थे अम्बाला से लोकसभा सांसद 
 
 कटारिया के निधन के बाद इस बार उनकी पत्नी बंतो कटारिया हैं  भाजपा प्रत्याशी, वरुण से होगा सीधा मुकाबला 
अम्बाला- कहा जाता है कि बीता हुआ समय एक बार फिर से लौटकर आता है. हालांकि कई बार  कहानी के पात्र बदल जाते हैं. देश की 18वीं लोकसभा के गठन के  लिए मौजूदा चल रही  आम चुनाव की प्रक्रिया  में अगले माह   25 मई 2024 में  हरियाणा प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर मतदान निर्धारित हैं जिसमें  अंबाला ( अनुसूचित जाति– एससी आरक्षित)‌ संसदीय सीट भी शामिल है जिस पर इस बार एक रोचक चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा.
शहर के  414 सेक्टर 7  निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट एवं चुनावी विश्लेषक  हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि जहाँ तक अम्बाला लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार का विषय है, तो  गत माह 13 मार्च की देर शाम  को पार्टी द्वारा   इस सीट से कुल तीन बार सांसद निर्वाचित हुए  रतन लाल कटारिया, जिनका गत वर्ष मई, 2023 में निधन हो गया था, की पत्नी बंतो कटारिया को टिकट देने की घोषणा की गई एवं उन्होंने बीते एक माह में हलके के कई क्षेत्रों में घूमकर अपना प्रचार कार्य का पहला राउंड भी पूर्ण कर लिया है.
हालांकि जहाँ तक अम्बाला लोकसभा सीट से  कांग्रेस प्रत्याशी का विषय है, तो बेशक इस बारे में आधिकारिक घोषणा होनी लंबित  है परन्तु यह फाइनल  है कि इस सीट से मुलाना विधानसभा हलके से कांग्रेस के विधायक वरुण चौधरी ही उम्मीदवार होंगे. वरुण प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके फूल चंद मुलाना के सुपुत्र है एवं वह अक्टूबर, 2019 में पहली बार मुलाना हलके से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे.
इसी बीच हेमंत ने एक रोचक पॉइंट उठाते हुए बताया कि आज से  करीब 25 वर्ष  पूर्व सितम्बर-अक्टूबर, 1999 में जब  13 वी लोकसभा के गठन के लिए आम चुनाव हुए थे तब अम्बाला लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर बंतो कटारिया के पति दिवंगत रतन लाल कटारिया ने उनके राजनीतिक जीवन में लोकसभा सांसद के लिए पहला चुनाव लड़ा था जबकि उनके विरूद्ध  कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर वरुण के पिता फूल चंद मुलाना चुनावी मैदान में थे. उस चुनाव में रतन लाल कटारिया ने फूल चंद मुलाना को 1 लाख 24 हज़ार 478 वोटों के अंतर से हराया था. उस चुनाव में कटारिया को 3 लाख 57 हज़ार जबकि मुलाना को 2 लाख 33 हज़ार वोट प्राप्त हुए थे. उस चुनाव में कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे एवं कटारिया और मुलाना को छोड़ शेष सभी 6 की ज़मानत राशी जब्त हो गयी थी. उस समय मतदान में नोटा का विकल्प नहीं होता था.
कटारिया उसके बाद हालांकि अम्बाला लोकसभा सीट से लगातार दो चुनाव वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा से पराजित हुए परन्तु  उसके बाद कटारिया ने लगातार दो लोकसभा चुनाव जीते पहले वर्ष 2014 में कांग्रेस के राज कुमार बाल्मीकि को हराया और फिर वर्ष 2019 में कांग्रेस की कुमारी शैलजा को करीब साढ़े तीन लाख  वोटों के अंतर से पराजित कर अपनी पिछली दो निरंतर पराजय का बदला लिया.
इस प्रकार कटारिया वर्ष  1999 से 2019 के बीच अम्बाला लोकसभा सीट से कुल 5 बार चुनावी मैदान में उतरे जिसमें से वो तीन बार विजयी  हुए जबकि दो बार पराजित हुए.
अंततः हेमंत ने बताया कि इस बार फूल चंद मुलाना के सुपुत्र 44 वर्षीय वरुण मुलाना, जिनकी अम्बाला लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी की आधिकारिक घोषणा किसी भी समय हो सकती है.
 के पास उनके विरूद्ध भाजपा से चुनाव लड़ रही दिवंगत रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया से अपने  (अर्थात वरुण के ) पिता फूल चंद  मुलाना की करीब 25 वर्ष पूर्व अम्बाला लोकसभा सीट से हुई पराजय का बदला लेने का अवसर है. अब वह उसमें कामयाब होते हैं  यह तो 4 जून 2024 मतगणना के दिन की देर शाम को ही पता चल पायेगा.

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