जिला पुलिस ने लोन दिलवाने के नाम पर लाखों रुपये के धोखाधड़ी करने के आरोपी को गिरफ्तार किया है। थाना साईबर की टीम ने लोन दिलवाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने आरोप में विनोद कुमार उर्फ़ महेश पुत्र माम चन्द वासी खोजकीपुर जिला अम्बाला को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है ।
जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दिनांक 30 मार्च 2024 को पुलिस को दी अपनी शिकायत में सतपाल कलूचा पुत्र राम लाल कलूचा वासी मकान मोहन नगर थानेसर कुरूक्षेत्र ने बताया कि उसकी नई सब्जी मण्डी कुरूक्षेत्र गेट के सामने कीटनाशक दवाईयो की दुकान है। दिनांक 12 मार्च 2024 को उसने अख़बार में लोन दिलवाने का विज्ञापन देखा और उसने दिए गए नम्बर पर महेश कुमार वासी अम्बाला से संपर्क किया। दिनांक 14 मार्च 2024 को मेहश कुमार ने फोन करके कहा कि लोन के लिए आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड, आईटीआर व प्रॉपर्टी के पेपर की आवश्यकता है। उसने मांगे गए सभी पेपर मेहश कुमार के मोबाईल नम्बर भेज दिये । दिनांक 15 मार्च 2024 को महेश कुमार ने कहा कि आपका 35 लाख का लोन मंजूर हो चुका है जिसपर 9 प्रतिशत ब्याज की दर से मासिक किस्त 35 हजार 449 रूपये 15 साल के लिए बनेगी । दिनांक 18 मार्च 2024 को महेश कुमार ने कहा कि लोन के लिए आपको कोटक महिन्द्रा बैंक मे नया खाता खुलवाना होगा जिसपर महेश कुमार ने उसी समय ऑनलाइन उसका खाता खोल दिया । दिनांक 27 मार्च 2024 को महेश कुमार ने कहा कि आपको कोटक बैक के खाता मे 01 लाख 50 हजार रूपये दिखाने होगे तभी आपका लोन पास हो पायेगा। उसने 01 लाख 50 हजार रूपये अपने खाता में जमा करवा दिये। अगले दिन उसने खाता चैक किया तो उसके खाता से 01 लाख 50 हजार रूपये किसी और के खाते में ट्रांसफर हुए थे । जब उसने आरोपी से बात करने की कोशिश की तो उसका फोन बन्द मिला । जिसकी शिकायत पर साईबर थाना में मामला दर्ज करके जाँच पीएसआई हरीश कुमार को सौंपी गई।
दिनांक 08 अप्रैल 2024 को थाना साईबर के पीएसआई हरीश कुमार , हवलदार कश्मीर व सुनील कुमार की टीम ने लोन दिलवाने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने आरोपी विनोद कुमार उर्फ़ महेश पुत्र माम चन्द वासी खोजकीपुर जिला अम्बाला को गिरफ्तार कर लिया । आरोपी की माननीय अदालत में पेश करके अदालत के आदेश से 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से 5 हज़ार रूपये, मोबाइल फोन, सिम कार्ड व वारदात में प्रयोग मोटरसाईकिल बरामद की गई । आरोपी की माननीय अदालत में पेश करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया ।