शिक्षा हेतु सर्वोत्तम शिक्षण संस्थान का चुनाव जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय : प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुरुक्षेत्र, 12 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केन्द्र द्वारा 10 तथा 12 अप्रैल 2024 को आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन छात्र प्रेरक कार्यक्रम पर बतौर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए सर्वोत्तम शिक्षण संस्थान का चुनाव जीवन के महत्त्वपूर्ण निर्णयों से एक होता है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने ऑनलाइन जुडे़ विद्यार्थियों से कहा कि आपने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केन्द्र में दाखिला लेकर एक अच्छा निर्णय लिया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा की सबसे बड़ी पुरानी और नैक ग्रेडिंग ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी है। विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर रहा है तथा पिछले 2 वर्षों में विश्वविद्यालय ने 63 पेटेंट दर्ज किए हैं। भारत के सरकारी विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक क्षेत्र में विश्वविद्यालय का पहला स्थान है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र विश्वविद्यालय के मूल स्तंभ है। जो विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके खेल, राजनीति, मीडिया, कला, अभिनय, गायन के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र ने भारत में सबसे पहले स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से विश्वविद्यालय कैम्पस में और इससे संबंधित महाविद्यालयों में सबसे पहले लागू किया है। विश्वविद्यालय अच्छी शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने बताया कि सीडीओई के पास बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है तथा अपने पीसीपी कार्यक्रम के दौरान छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध करवाती है। सीडीओई का एक अलग पुस्तकालय जहाँ पर दूरस्थ शिक्षा के छात्र अपना अध्ययन कार्य कर सकते हैं। निदेशालय दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन अवसर प्रदान कर रहा है इस निदेशालय में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात छात्र देश और समाज की भलाई के लिए कार्य करेंगे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि इस छात्र प्रेरक कार्यक्रम का उद्देश्य नए छात्रों को शैक्षणिक वातावरण में समायोजित करके उनकी मदद करना है। प्रो. शर्मा ने कहा कि यह भारत में हरियाणा प्रदेश का सबसे पुराना दूरस्थ शिक्षा केन्द्र है जो 1976 की निरन्तर अपनी शिक्षा प्रदान कर रहा है। निदेशालय का पीसीपी कार्यक्रम अपने विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है।
वर्तमान में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नैक रैकिंग में ए प्लस प्लस है। यह देश का कैटगरी वन विश्वविद्यालय है जो प्रदेश में सांस्कृतिक शोध और खेल जगत में अपनी अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है।
इस अवसर पर निदेशालय की निदेशिका प्रो. मंजुला चौधरी ने कहा कि केन्द्र 40 ओ.डी.एल. और 19 ऑनलाइन कार्यक्रम वार्षिक और सेमेस्टर सिस्टम द्वारा दूरस्थ शिक्षा दे रहा है। केन्द्र में प्रत्येक वर्ष जनवरी और जुलाई सत्र में दाखिला लिया जा सकता है। निदेशालय के सभी प्रोग्राम यूजीसी और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त है। केन्द्र सभी प्रकार की नवीनतम जानकारी वेबसाइट पर अपडेट करता है। इसके अलावा अन्य सूचनाएं ईमेल व टेक्स्ट मैसेज द्वारा भी भेजी जाती है। छात्रों को केन्द्र द्वारा स्टडी मटेरियल सॉफ्ट और हार्ड फॉम में भी उपलब्ध करवाया जाता है। प्रो. चौधरी ने कहा कि 30 प्रतिशत अंक इंटरनल असेसमेंट के लिए निर्धारित है जिससे परीक्षा में छात्र बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं।
इस दौरान छात्रों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी समस्याओं का निवारण किया गया। इस कार्यक्रम में तीन सौ से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. गीतिका संधू ने ओ.डी.एल. के कार्यक्रमों की सुविधाओं और संसाधन डॉ. कुशविन्द्र कौर ने परामर्श छात्र सहायता केन्द्र डॉ. ज्योति ने शुल्क वापसी और डॉ. विक्रान्त ने ट्रेनिंग प्लेसमेंट स्कॉलरशिप और इंटर्नशिप के बारे में छात्रों को महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। अतिथि सत्कार डॉ. मंजू शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जितेन्द्र आचार्य ने किया। इस मौके पर डॉ. ज्योत्सना गुप्ता, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. सुखजीत कौर, गुलशन दुआ और सीमा मौजूद थे।