डिजिटाइजेशन भ्रष्टाचार को रोकने का एक सशक्त माध्यम : प्रो ढींगरा
कुरुक्षेत्र, 11 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में ‘भ्रष्टाचार मुक्त अर्थव्यवस्था में डिजिटाइजेशन’ विषय पर मासिक विचार गोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर केयू डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व यूआईईटी निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा ने बतौर मुख्यातिथि कहा कि डिजिटाइजेशन भ्रष्टाचार को रोकने का एक सशक्त माध्यम है क्योंकि डिजिटलाइजेशन के कारण भ्रष्टाचार में कमी आई है। उन्होंने सरकार की अनेक योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि बैंकिंग सिस्टम में पैसे को सीधे खाते में भेजने की योजना, जन-धन योजना जैसी अनेक ऐसी योजनाएं है जिनके आधार पर हम कह सकते हैं कि डिजिटाइजेशन ने भ्रष्टाचार को कम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार योजनाओं को सफल बनाने के लिए हमें भी अपनी सोच में बदलाव करना होगा तथा ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी अच्छा वेतन पाने के बाद भी सौंपे गए कार्य को ईमानदारी से नहीं करता तो वह एक भ्रष्टाचार की पंक्ति में आता है। उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में अभी भी कुछ चुनौतियां हैं जिनके कारण भ्रष्टाचार के कुछ नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं जिनको दूर करना बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केयू वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की अधिष्ठाता प्रोफेसर नीलम ढांडा ने कहा कि डिजिटल क्रांति द्वारा कम्युनिकेशन के क्षेत्र में बहुत अधिक उन्नति हुई है व डिजिटलाइजेशन से आज लोगों की बैंकिंग क्षेत्र में रुचि बढ़ी है वहीं बिचौलियों की भूमिका बिल्कुल न के बराबर हो गई है जिसके कारण आम व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ पहुंच रहा है।
इस अवसर पर पंचनद अध्ययन केंद्र कुरुक्षेत्र की अध्यक्ष डॉ. मधुदीप ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कोषाध्यक्ष डॉ. कंवरदीप ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। पंचनद अध्ययन केंद्र के सचिव राजेश शर्मा ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ. अजय जांगड़ा, डॉ. सुनील नैन, डॉ. जितेंद्र रोहिल्ला, डॉ. सतीश राणा, रामेश्वर सैनी डॉक्टर सचिन वर्मा, अमित जांगड़ा, सुनील कुमार, मोहित कुमार व हरिकेश पपोसा सहित शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।