बाबैन, 5 अप्रैल :
भारत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पहलादपुर में एनवायरमेंट लॉ, पॉलिसी, प्रैक्टिस, इश्यू एंड चैलेंजेज विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कुमार मलिक, गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. दलीप कुमार, डॉ. सुशीला चौहान, डॉ. कैलाश कुमार, डॉ. जी एस चौहान, डॉ. राजेंद्र मान, डॉ. धीरेंद्र सिंह, डॉ. सुखबीर खोखर, डॉ. भारत, डॉ. शिप्रा गुप्ता, डॉ. रवींद्र शर्मा, डॉ. उर्मिला, डॉ. प्रमिला और की-नोट स्पीकर डॉ. स्नेह यादव, डॉ. मीनाक्षी, रिसोर्स-पर्सन डॉ. अमरजीत, डॉ. मेघराज, डॉ. कविता, डॉ. अनुराग, डॉ. सीमा मोदी व डॉ. बलरीशी ने अपने-अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलित के साथ किया गया। वातावरण के सिद्धांतों पर प्रकाश डालने के लिए आयोजित की गई इस नेशनल कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रखा जाए और उसे सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए विभिन्न अधिनियमों व कानूनों बारे विस्तार से जानकारी दी गई। कॉन्फ्रेंस मे पर्यावरण को लेकर बनाए गए कानूनों का हम किस तरह सदुपयोग कर सकते हैं और हमें हवा की गुणवत्ता, वायु की गुणवत्ता, प्रदूषण नियंत्रण, कचरे का प्रबंधन, सफाई, रासायनिक सफाई की विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कुमार मलिक ने उपस्थित लॉ विभाग के बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय पर्यावरणीय मुद्दे अंतरराष्ट्रीय कानून का विषय हैं जिनके लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कानून का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा कि ऐसे मानदंड और नियम जिनका देश रीति रिवाज के रूप में प्रयोग करते हैं इसलिए प्रचलित है कि यह दुनिया के सभी राज्यों को बांधते हैं। कहीं कानूनी रूप से बाधाकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता में स्थलीय कॉम समुद्री और वायुमंडलीय संरक्षण वायुमंडल या प्रदूषण से लेकर वन्य जीव और जैव विविधता संरक्षण के विभिन्न प्रकार के क्षेत्र शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय कानून में अंतरराष्ट्रीय आधारितों और न्यायाधिकरणों की राय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण एक गंभीर मुद्दा है जनहित याचिका ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गैर सरकारी संगठनों नागरिक समाज तथा आम आदमी की भागीदारी को प्रसारित किया है। यह इसके प्रसारण प्रयासों का फल है कि आज सरकार तथा नीति निर्माण की सूची में प्रथम मुद्दा है।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष ओमनाथ सैनी, डायरेक्टर रूबल शर्मा, विधि विभाग के प्रिंसिपल डॉ. अनिल कुमार नगर व फार्मेसी विभाग के प्रिंसिपल सुरेश बेनीवाल तथा अन्य सहायक गण उपस्थित रहे।