हरियाणा के पानीपत शहर में गाड़ियों को फर्जी दस्तावेजों, साइन, स्टैंप लगाकर अन्यों को बेचे जाने का बड़ा मामला सामने आया है। जहां लोन हुई गाड़ियों को RTA अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से बहुत ही आसानी से आगे बेचा गया है।
मामले का खुलासा उस वक्त लोन देने वाली कंपनी ने इसे ऑनलाइन ट्रैक किया। तब पता लगा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन पर ली हुई एक्टिवा को किसी दूसरे शख्स को बेच दी गई है। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
एक्टिवा पर 70 हजार का दिया था लोन
सिटी थाना पुलिस को दी शिकायत में करनदीप सिंह ने बताया कि वह पंजाब के मानसा का रहने वाला है। वह अपमनी लिमिटेड कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत है। उनकी कंपनी दो पहिया वाहन, गृह ऋण व व्यापार ऋण देने का काम करती है। 2 नवंबर 2021 को दीपू सिंह नाम के व्यक्ति ने मलिक होंडा कंपनी से एक एक्टिवा 6G खरीदी। उक्त एक्टिवा पर दीपू ने उनकी कंपनी से 70 हजार रुपए का लोन लिया था।
उक्त एक्टिवा को करीब 6 माह पहले दीपू ने साजबाज तरीके से फर्जी दस्तावेज, कम्पनी की फर्जी मोहर, फर्जी लेटर हेड व फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र तैयार करके अनिल कुमार निवासी हुडा, सेक्टर 13-17 पानीपत को बेच दी।
इन तीन आरोपियों मिलीभगत से हुआ काम
उसने बताया कि इस तरह एक्टिवा बेचने में सतवंत सिंह सन्नी, आलम, शिवांशु भी शामिल थे। सतवंत सिंह सन्नी की सुखमनी मोटर्स के नाम से सनौली रोड पर संजय चौक के नजदीक पुराने दो पहिया वाहन बेचने की दुकान है।
आरोपी आलम RTA कार्यालय पानीपत में एजेंट के तौर पर गाडियां ट्रांसफर करवाने व ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनवाने का काम करता है। जिसने RTA कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों को रिश्वत देकर फर्जी कागजात के आधार पर उपरोक्त एक्टिवा अनिल कुमार के नाम ट्रांसफर करवा दी है।
आरोपी शिवांशु ने फर्जी दस्तावेज, कंपनी की फर्जी मोहर व अनापत्ति प्रमाण पत्र तैयार करवाने में इनकी मदद की है।