विज्ञान के हर क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों का अहम योगदान : प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने 4 प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिकों को गोयल पुरस्कार देने की घोषणा की है। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि देश के चार प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों डॉ. भीम सिंह, प्रोफेसर एमेरिटस, आईआईटी दिल्ली, डॉ. शांतनु भट्टाचार्य निदेशक, आईआईएसईआर, तिरुपति, डॉ. वी. नागराजा, माइक्रोबायोलॉजिकल और सेल बायोलॉजी विभाग, आईआईएससी, बेंगलुरु तथा डॉ. एस.के. सतीश, सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक एंड ओशनिक साइंसेज, आईआईएससी, बेंगलुरु को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए प्रतिष्ठित गोयल पुरस्कारों के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वैज्ञानिक को एक पदक, प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपये की नकद राशि से पुरस्कृत किया जाएगा।
प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इन वैज्ञानिकों ने एप्लाइड साइंसेज, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान व भौतिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के हर क्षेत्र में हमेशा ही भारतीय वैज्ञानिकों का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो देश में बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान की उन्नति में अनुकरणीय योगदान के लिए देश के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को सम्मानित करता है।
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा द्वारा विज्ञान विषयों में चार गोयल पुरस्कारों के अलावा, 2021-22 के लिए गोयल शांति पुरस्कार के लिए इसरो के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ को प्रदान करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
गोयल पुरस्कार आयोजन समिति के संयोजक प्रोफेसर संजीव अरोड़ा ने कहा कि गोयल पुरस्कारों की स्थापना स्वर्गीय श्री राम एस. गोयल, 1990 में अमेरिका में बसे एनआरआई द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा 100 से अधिक उत्कृष्ट भारतीय वैज्ञानिक जिनमें प्रो. सीएनआर राव, प्रो. आर.ए. माशेलकर, प्रो. रोहिणी गोडबोले, राजीव वार्ष्णेय और प्रो. के. कस्तूरीरंगन को पहले ही 16वें गोयल पुरस्कार समारोह में गोयल पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों के अलावा, राजीव गोयल पुरस्कारों के लिए 45 वर्ष से कम आयु के चार युवा वैज्ञानिकों की चयन प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी। इन पुरस्कारों का पुरस्कार समारोह इस वर्ष अप्रैल में आयोजित किया जाएगा जिसमें सभी पुरस्कार विजेताओं के भाग लेने की उम्मीद है।
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वैज्ञानिकों ने इन क्षेत्रों में किया है उत्कृष्ट कार्य
इन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों का वर्णन करते हुए दानदाता स्वर्गीय श्री राम एस गोयल के नामित और आयोजन समिति के सह-अध्यक्ष प्रो. एस.पी. सिंह ने कहा कि प्रो. भीम सिंह ने सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली विकसित की है जिससे बिजली की गुणवत्ता में सुधार से सौर ऊर्जा अधिक आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य, जिन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए चुना गया था, ने नैनो टेक्नोलॉजी, अपरंपरागत आणविक डिजाइन और रासायनिक जीव विज्ञान के क्षेत्र में महान योगदान दिया है।
प्रो. एस. पी. सिंह ने बताया कि जीवन विज्ञान के क्षेत्र में प्रो. वी. नागराजा ने कई एंजाइमों की संरचना, कार्यों और तंत्रों के बारे में हमारी समझ को उन्नत किया है। वहीं भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रोफेसर एसके सतीश जो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के जलवायु वैज्ञानिक हैं, उन्होंने पृथ्वी-वायुमंडल प्रणाली के विकिरण संतुलन पर एरोसोल के प्रभाव की हमारी समझ में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्हें वर्ष 2012 में युवा वैज्ञानिकों के लिए राजीव गोयल पुरस्कार भी मिल चुका है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि ये सभी चार वैज्ञानिक प्रमुख राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षाविदों के फेलो चुने गए हैं।