कुरुक्षेत्र 20 फरवरी इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी डा. धर्म पाल ने बताया की आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय(इग्नू), शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 37वें दीक्षांत समारोह का आयोजन इग्नू के मुख्यालय एवं 39 क्षेत्रीय केन्द्रों पर एक साथ किया गया। इग्नू के 37वें दीक्षांत समारोह में मुख्यालय नई दिल्ली पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि रहे। इग्नू के 37वें दीक्षांत समारोह में कुल तीन लाख आठ हजार पांच सो चौरासी विद्यार्थियों को डिग्री,डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।
डॉ. धर्म पाल ने बताया कि इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत लगभग 20000 प्रतिभागी उपाधि (डिग्री/ सर्टिफिकेट) लेने के लिए पात्र थे जिनमे से 250 विद्यार्थियों को डिग्री देने के लिए बुलाया गया। इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल पर आयोजित समारोह में डॉ मनोहर लाल छाबड़ा, निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान करनाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना द्वारा की गई। इसके बाद विशिष्ट अतिथि का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया डा. अमित कुमार जैन ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया और विशिष्ट अतिथि डॉ एम्एल छाबड़ा जी के की शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में अवगत करवाया।
इसके बाद क्षेत्रीय केंद्र करनाल के क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी डा धर्म पाल ने क्षेत्रीय केंद्र करनाल की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में इग्नू ने देश में उच्च शिक्षा की वृद्धि एवं लोकतंत्रीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिसके परिणामस्वरूप इग्नू एनईपी-2020 द्वारा परिकल्पित सकल नामांकन दर की वृद्धि में अपना निरंतर योगदान दे रहा है। इग्नू देश के सभी तबकों तक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए समता, पहुंच और गुणवत्ता पर जोर देने के साथ साथ एक लचीली और कम लागत वाली शिक्षार्थी केंद्रित रणनीति का अनुसरण करता है। इग्नू विश्व भर में बसे अपने विविध किस्म के शिक्षार्थियों, दिव्यांगजन, ट्रांसजेंडर, जेल कैदियों, सेक्स वर्कर, अग्निवीर, सैन्य सेवाओं के जवान और अधिकारी सहित, समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों, युवाओं, महिलाओं, कृषकों आदि की स्थान, अध्ययन की रफ़्तार और समय सम्बंधित विविध आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इन सभी को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल उच्च शिक्षा में समानता, समावेशिता, गुणवत्ता, पहुंच और सामथ्र्य के अपने मिशन को पूरा करने के लिए पिछले 32 वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहा है। इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, अम्बाला और पंचकूला को छोडक़र हरियाणा के 16 जिलों में अपने 31 अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश के कोने-कोने तक गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों के उत्साहवर्धक परिणाम भी प्राप्त हो रहे है। विद्यार्थियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि एक अच्छा संकेत है और दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में इग्नू की सकारात्मक भूमिका का परिचायक भी है, 8597 विद्यार्थियों से शुरुआत करते हुए वर्तमान में क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत लगभग 80 हजार से ज्यादा विद्यार्थी सफलतापूर्वक उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
पिछले 10 वर्षों के दौरान विश्वविद्यालय ने ताजा नामांकन में 70 फीसदी से अधिक और पुन: पंजीकरण में 80 फीसदी से अधिक की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाया है। इग्नू नामांकन की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बन गया है। इग्नू ने बालिकाओं, गृहणियों एवं कामकाजी महिलाओं की शिक्षा पर सदैव विशेष ध्यान केंद्रित किया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान जहां वर्ष 2013-14 में महिला शिक्षार्थी 44.80 थी वहीं 2022-23 में यह बढक़र 49.29 फीसदी हो गया है। पिछले 10 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ाने में भी इग्नू ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वर्ष 2013-14 में जहां ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षार्थियों का नामांकन 41 फीसदी था 2022-23 में यह बढक़र 51 हो गया है। वर्ष 2013-14 की तुलना में 2022-23 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों में भी विद्यार्थियों की संख्या में भी खासी बढ़ोतरी हुई हैी। इग्नू सार्क देश, अरब देश एवं अफ्रीकी देशों में बसे अपने हजारों शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 15 देशों में स्थापित 25 विदेशी अध्ययन केंद्रों के अपने नेटवर्क के माध्यम से अपनी वैश्विक मौजूदगी को दर्शाता है। आंकड़ों की दृष्टि से विदेशी अध्ययन केंद्रों के माध्यम से पंजीकृत अंतरराष्ट्रीय शिक्षार्थियों का नामांकन 81736 से अधिक है। इग्नू अनेक ऐसे अत्याधुनिक शैक्षणिक कार्यक्रमों की पेशकश कर रहा है जो 21वीं शताब्दी के शिक्षार्थियों के कौशल उत्थान हेतु आवश्यक है। शिक्षार्थियों को इग्नू द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों में से अपनी रूचि के पाठ्यक्रमों का चयन करने की स्वतंत्रता, इग्नू में प्रवेश के लिए शिक्षार्थियों को प्रेरित करती है।
37वें दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ एमएल छाबड़ा ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह की एक विशेष अहमियत होती है। आज एक ऐसा दिन है जब हम अपने विद्यार्थियों की सफलता और उपलब्धियों के लिए उनको प्रोत्साहित करते है जोकि उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से हासिल की है। विद्यार्थियों को समय का सदुपयोग करना चाहिए और जीवन में संयम रखना चाहिए ताकि आप एक ऊंचा मुकाम हासिल कर पाएं। इग्नू एक ऐसा विश्वविद्यालय है जो विश्व पटल पर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है और ऐसे विश्वविद्यालय से डिग्री पाना विद्यार्थियों के लिए एक गौरव की बात है मैं सभी विद्यार्थियों को डिग्री मिलने पर फिर से बधाई देता हु मंच संचालन किरण सचदेवा द्वारा किया गया और कार्यक्रम के अंत में इग्नू के अनुभाग अधिकारी रोबिन वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।