कुरुक्षेत्र 30 जनवरी गत दिनों हरियाणा योग आयोग की एक बैठक पंचकूला में आयोजित की गई जिसमें कुरुक्षेत्र के डॉ. मनीश कुकरेजा द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री एबीसी ऑफ योग का डिजिटल विमोचन आयोग के चेयरमैन डॉ. जयदीप आर्य व वाइस चेयरमैन डॉ. रोशन लाल द्वारा आयोग के सभी ऑफिशियल व नॉन ऑफिशियल सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
वृत्तिचित्र के निर्देशक डॉ मनीश कुकरेजा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 10 मिनट के वृत्तिचित्र में अंग्रेजी के 26 वर्णों यथा एबीसी की सहायता से यौगिक शब्दावली के प्रचलित शब्दों को ग्राफिक्स व एनीमेशन की सहायता से संगीतबद्ध कर काव्य शैली में अर्थबोध के साथ चित्रित करने का प्रयास किया गया है ताकि विद्यार्थी योग के सैद्धांतिक व क्रियात्मक पक्ष का बोध सरलता से कर सकें। उन्होंने बताया कि इस कार्य को करने के लिए उन्हें उनके शोध गाइड डॉ. जी परन गौड़ा ने विशेष रूप से प्रोत्साहित किया। इस विषय का शोध पत्र भी एनसीईआरटी की शोध पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। अभी अंग्रेजी के वर्णों के साथ यौगिक शब्दों की प्रथम सीरीज समाज को समर्पित की गई है। निकट भविष्य में अंग्रेजी की सीरीज 2 व 3 को तथा हिन्दी भाषी यौगिक वर्णमाला का विमोचन भी किया जाना प्रस्तावित है। सभी सदस्यों ने इस कृति की सराहना करते हुए इसे अधिकाधिक प्रचारित व प्रसारित करने का दृढ़ संकल्प लिया।
चेयरमैन डा. जयदीप आर्य ने उन्मुक्त हृदय से इस पुनीत कार्य हेतु साधुवाद देते हुए सभी सदस्यों से इस वृत्तिचित्र को विद्यालयों के प्रत्येक विद्यार्थी तक प्रसारित करने का आवाहन किया। वाईस चेयरमैन डॉ रोशन लाल ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि नि:संदेह यह कृति योग के प्रचार प्रसार हेतु मील का पत्थर साबित होगी। आयोग के रजिस्ट्रार डॉ राज कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह वीडियो छोटे बच्चों को नहीं अपितु बड़े बच्चों को भी योग के ज्ञान का वर्धन करने में सहायक सिद्ध होगी। इस बैठक में नॉन ऑफिशियल सदस्यों में डॉ पवन गुप्ता, नरेश, पंकज बख्शी व जयपाल शास्त्री तथा ऑफिशियल सदस्यों के रूप में आयुष विभाग से दिनेश, शिक्षा विभाग से नेहा, खेल विभाग से लक्ष्मी पन्त तथा अन्य विभागों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की गई व 1 से 20 फरवरी तक किए जाने वाले प्रस्तावित सूर्य नमस्कार अभियान को सफल बनाने की योजना पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया।