आदिबद्री से लेकर कैथल तक फस्र्ट फेज में ड्रोन से सर्वे होगा, सरकारी एजेंसी दृश्य द्वारा किया जाएगा सर्वे का कार्य
कुरुक्षेत्र 19 जनवरी हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि ड्रोन 120 मीटर ऊंचा उड़ेगा और सरस्वती के एक किलोमीटर से लेकर पांच किलोमीटर तक के दायरे में जितनी भी आर्कियोलॉजिकल साइट्स मंदिर गुरुद्वारे पर्यटक स्थलों व क्या क्या गतिविधियां सरस्वती के किनारे पर है यह सारी गतिविधियां नोट करेगा व सरस्वती बोर्ड को इसकी रिपोर्ट देगा।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि अभी तक सरस्वती पर जितने भी कार्य चल रहे है, उन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इच्छा से इसका एक ड्रोन बेस्ट सर्वे भी तैयार किया जा रहा है ताकि समय समय पर सरस्वती में क्या-क्या बदलाव हुआ है, कितना क्षेत्र बदलेगा और कितना बदला है, यह सारी जानकारी जुटायी जा सके। इसलिए यह ड्रोन सर्वे करवाया जा रहा है। इससे जो आस-पास के रिजर्व वायर सरोवर बनाने की जो प्लानिंग वाटर रिचार्जिंग को लेकर सरस्वती बोर्ड की चल रही है व जंगल में पौधारोपण तथा बाढ़ से किस तरह से सरस्वती क्षेत्र को बचाएं, यह सारी जानकारियां इस ड्रोन सर्वे के माध्यम से जुटाई जाएगी ताकि आने वाले समय में सरस्वती चैनल इस क्षेत्र के लिए एक रामबाण साबित हो सके। इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि यह ड्रोन सर्वे जल्दी ही जल्दी किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह सर्वे आदिबद्री से लेकर कैथल तक 200 किलोमीटर के सरस्वती के दायरे में होगा और दूसरे फेज में यह कैथल जिला के अंतिम छोर व पंजाब के सागरा गांव जहां घागर नदी सरस्वती मिलती है से लेकर सिरसा ऑटू हेड तक जहां तक सरस्वती अन्य नदियों के साथ जाकर राजस्थान के बॉर्डर पर मिलती है। आगामी तीसरे दौर में इस सर्वे को राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर, अनूपगढ़ से होते हुए लूनी नदी जयपुर के पास से होते हुए भी करवाया जाएगा ताकि सरस्वती के ट्रैक को इसरो के मुताबिक पूरी तरह से गुजरात के रण ऑफ कच्छ तक ट्रेस करके बताया जा सके। जितने भी पुरातात्विक स्थल देश में है, जिसमें 70 प्रतिशत सरस्वती के किनारे है। इसी लिए सर्वे का और महत्व बढ़ जाता है ताकि सभी स्थलों का स्थान दृष्टि अवस्था एक जगह बैठकर देखी जा सके। देश की एजेंसी जिसमें इसरो, जीएसई, सीजीडब्ल्यू, सेंटर वाटर कमीशन, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया व अन्य एजेंसियां भी इस सर्वे का फायदा उठाएगी।

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